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डिजिटल माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2017 तक बढ़ाई गई

डिजिटल माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2017 तक बढ़ाई गई
देश-विदेश

नई दिल्ली: कई पेंशनधारियों ने अभी भी पेंशन जारी रखने के लिये अपने जीवन प्रमाण पत्र के रूप में आधार सत्‍यापित जीवन प्रमाण जमा नहीं करवाये हैं इसे देखते हुए कि कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने डिजिटल माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2017 तक बढ़ा दी है। इससे पहले अंतिम तारीख 28 फरवरी 2017 थी।

 कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) 1995 के सदस्‍यों और पेंशनधारकों को 31 मार्च, 2017 तक अपनी आधार संख्‍या जमा कराना आवश्‍यक है। अगर किसी सदस्‍य के पास आधार संख्‍या नहीं है तो उन्‍हें पेंशन प्रक्रियाओं और मासिक पेंशन भुगतान जैसे ईपीएस 1995 के अंतर्गत दावों के निपटान के लिए आधार नामांकन पहचान पर्ची लगानी होगी। अगर पेंशन योजना का सदस्‍य फॉर्म 10 सी में आवेदन कर 10 वर्ष से कम की सेवा काल से बाहर आने का निर्णय लेता है, तो उस मामले में आधार संख्‍या की आवश्‍यकता नहीं है।

ईपीएफओ ने 01 जनवरी, 2017 को बचे हुए कर्मचारियों को कवर करने के लिए कर्मचारी नामांकन अभियान 2017 शुरू किया था, जो 31 मार्च, 2017 तक चलेगा। योजना के अंतर्गत  :-

–          अगर नियोक्‍ता द्वारा कर्मचारी के योगदान के भाग को काटा नहीं गया है, तो वह माफ है।

–          मामूली नुकसान होने पर इस अभियान के अंतर्गत घोषित कर्मचारी के संदर्भ में नियोक्‍ता को भुगतान करना होगा, जो एक रुपये प्रति वर्ष की दर से है।

–          प्रशासकीय शुल्‍क माफ किया गया है।

यहां तक कि कर्मचारी भविष्‍य निधि और अन्‍य प्रावधान (ईपीएफ और एमपी) अधिनियम 1952 में भी कैजुअल, अनुबंधित और नियमित कर्मचारियों के बीच अंतर नहीं किया गया है। देखा गया है कि सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और स्‍वायत्‍त संगठनों सहित प्रमुख नियोक्‍ता द्वारा अनुबंध के आधार पर बड़ी संख्‍या में लोग रखे जाते हैं, जो अभी भी ईपीएफ के अंतर्गत कवरेज से बाहर हैं। प्रमुख नियोक्‍ता का कर्तव्‍य है कि वह अपने आउटसोर्स/ नियमित/अनुबंध/कैजुअल/दिहाड़ी कर्मियों के लिए ईपीएफ अधिनियम के अंतर्गत योजनाओं का अनुपालन सुनिश्चित करवाए।

 कर्मियों का कवरेज सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख नियोक्‍ता को सलाह दी जाती है कि वह किसी भी प्रकार का ठेका या भुगतान करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि उनके ठेकेदार ईपीएफओ के साथ पंजीकृत हों। ईपीएफओ प्रमुख नियोक्‍ता को इस संबंध में ऑनलाइन जानकारी प्रदान करता है।

 पूर्व सैनिकों के लिए रक्षा मंत्रालय ने ईसीएचएस नामक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल योजना तैयार की है। अभी तक ईसीएचएस के अनुबंधित कर्मी ईपीएफओ के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा के लाभ से वंचित थे। अब ईसीएचएस को ईपीएफ अधिनियम की परिधि में लाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने ईसीएचएस के अपने अनुबंधित कर्मचारियों के पंजीकरण के लिए आवश्‍यक निर्देश जारी कर दिए हैं। इसी प्रकार सैन्‍य अभियांत्रिकी सेवा (एमईएस) और भारतीय रेल के साथ कार्य करने वाले ठेकेदारों द्वारा नौकरी पर लगाए गए सभी योग्‍य कर्मियों को भी ईपीएफओ के अंतर्गत अनुबंधित कर्मचारियों के कवरेज सुनिश्चित करवाने का आग्रह किया जा रहा है।

सुविधा और दक्षता बढ़ाने के सतत प्रयासों की दिशा में यूएएन से जुड़े ग्राहकों की आधार संख्‍या के लिए फार्म संख्‍या 19 (यूएएन), 10सी (यूएएन) और 31 (यूएएन) के स्‍थान पर एक पृष्‍ठ का समग्र दावा फॉर्म (आधार) लाया गया है। यह फार्म नियोक्‍ता के सत्‍यापन के बिना जमा करवाया जा सकता है। जिस व्‍यक्ति के पास आधार और उनके यूएएन बैंक की विस्‍तृत जानकारी नहीं है, उनके लिए मौजूदा फॉर्म संख्‍या 19, 10सी और 31 के स्‍थान पर नया समग्र दावा फॉर्म (गैर आधार) है।

इसके अतिरिक्‍त मृत्‍यु के मामले में मौजूदा फॉर्म नम्‍बर 20, 5-आईएफ और 10-डी के स्‍थान पर एक समग्र दावा फॉर्म है। सदस्‍य की मृत्‍यु होने पर दावेदार इस एक पेज के समग्र दावे फॉर्म के जरिए भविष्‍य निधि, बीमा निधि और मासिक पेंशन के दावे के लिए आवेदन कर सकता है।

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