लखनऊ: प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने कहा है कि ई-व्यवसाय इंटरनेट और डिजिटल अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ बन रहा है। आनलाइन मार्केटिंग ने भारत में व्यापार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल अर्थव्यवस्था को वृहद स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके उत्साहजनक परिणाम अब दिख रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य (ई-बिजनेस) में उत्तर प्रदेश के विकास और व्यापार के लिए एक असाधारण प्रोत्साहन प्रदान करने की क्षमता है।
श्री महाना आज यहां जयपुरिया प्रबंधन संस्थान में आयोजित दो दिवसीय बारहवें नेशनल कांफ्रेंस आईआईसी-2018’’ ई-बिजनेस इन इंडिया अपारच्यूनिटीज एन्ड चैलेंजेस कार्यक्रम में मैनेजमेंट छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का तेजी से हो रहे डिजिटाइजेशन ने उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए नए विकास के अवसर खोले हैं। जीएसटी के कार्यान्वयन में अन्तर्राज्जीय ई-कॉमर्स की सुविधा है और अब छोटे उद्योग पूरे देश में अपने उत्पादों को आनलाइन बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा ई-बिजनेस की क्षमता को मान्यता दी है और भारत में अवसरों और चुनौतियां में ई बिजनेस पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन की प्रसंशा भी की।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी के सक्षम नेतृत्व में यूपी सरकार ने हाल ही में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया, जो काफी सफल रहा है। देश-विदेश के उद्यमी/निवेशक प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए काफी उत्सुक है। क्योंकि यहां व्यवसाय करने की असीम संभावनाएं हैं। प्रदेश में जहां एक ओर कुशल जनशक्ति मौजूद है, वहीं दूसरी ओर वृहद स्तर पर उपभोक्ता बाजार है। प्रदेश की जलवायु भी फूड प्रोसेसिंग के लिए काफी अनुकूूल है।
श्री महाना ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना संचालित की जा रही है, लेकिन बहुत कम बच्चे इस येाजना का लाभ प्राप्त कर रहे है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक छात्र/छात्राएं इस योजना का लाभ उठाएं और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में अहम योगदान दे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपना बहुमूल्य समय अन्य कार्यों में खराब करते हैं, उनको अपने भविष्य के बारे में भी चिंतन करने की आवश्यकता है। प्रदेश में बहुत सारी सम्भावनाएं मौजूद है, उसका भरपूर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने अपने सम्बोधन के दौरान शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अध्यापक विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देकर बुलंदियों तक पहुंचाते हैं। इसलिए छात्र/छात्राओं के भीतर अध्यापकों के प्रति हमेशा सम्मान की भावना होनी चाहिए।