देहरादून: राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को युवाओं के कौशल विकास, प्रतिस्पर्धात्मक उत्कृष्टता व मूल्यपरक शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उच्च स्तरीय शोध को प्रोत्साहित किया जाए। राज्यपाल, डीआईटी विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को उपाधियां वितरित कीं।
राज्यपाल ने छात्रों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि युवा रोजगार देने वाले बनें। इसके लिए युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान देना होगा। भारत सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रम प्रारम्भ किए हैं। विश्वविद्यालयों को भी इसमें अपनी भूमिका निभाने के लिए आगे आना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि नास्कोम (NASSCOM) के अनुसार शिक्षित युवाओं का एक बड़ा भाग, अभी भी रोजगार की दृष्टि से दक्ष नही है। इसे देखते हुए ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के कौशल विकास पर विशेष रूप से फोकस किया है। इसमें उद्योग जगत व विश्वविद्यालयों को बड़ी जिम्मेवारी निभानी होगी। शिक्षण संस्थाओं व उद्योगों में आपसी सम्पर्क अधिक से अधिक बढ़े।
राज्यपाल ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के युग में तरक्की के लिए उत्कृष्टता आवश्यक है। उत्कृष्टता का तात्पर्य केवल गुणवत्ता ही नही है बल्कि प्रतिस्पर्धात्मक उत्कृष्टता है। विश्वविद्यालयों को उच्च स्तरीय शोध का केंद्र बनना होगा। विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों को वर्तमान समय के अनुसार लगातार अपडेट करते रहें। शिक्षित युवाओं को रोजगार योग्य बनाए जाने पर गम्भीरता से काम किए जाने की जरूरत है। उद्योगों में दक्ष मानव शक्ति की बहुत मांग है परंतु स्किल के अभाव में हमारे युवा इसका लाभ नही उठा पाते हैं। इसीलिए भारत सरकार ने स्किल डेवलपमेंट पर विशेष तौर पर फोकस किया है।
राज्यपाल ने कहा कि युवाओं के स्किल डेवलपमेंट व कम्पीटीटिव एक्सीलेंस के साथ उन्हें हमारे सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़े रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। युवा ऊंची सोच रखें परंतु अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें। सफलता के लिए कठिन परिश्रम, त्याग भावना व सतत सीखने की प्रवृत्ति का होना जरूरी है। इस अवसर पर डीआईटी विवि के चांसलर डाॅ. आर.सी गोयल, चेेयरमेन श्री अनुज अग्रवाल, कुलपति डाॅ. एस.स्वामीनाथन आदि उपस्थित थे।