नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘निर्भय’ का सफल उड़ान परीक्षण कर एक और प्रशंसनीय कार्य किया। यह भारत में निर्मित पहली स्वदेशी डिजाइन वाली लंबी रेंज की सब-सोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे कई प्लेटफार्मों से तैनात किया जा सकता है। यह एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर, ओडिशा से सफलतापूर्वक छोड़ा गया। इस मिसाइल में 100 मीटर तक की कम ऊंचाई पर 0.7 मैक पर लक्ष्य को भेदने की क्षमता है। उड़ान परीक्षण में छोड़ने से लेकर अंतिम लक्ष्य तक पूरी तरह से सभी मिशन उद्देश्यों को पूरी तरह से हासिल किया गया और इससे परीक्षण से जुड़े सभी वैज्ञानिकों के आत्म विश्वास में वृद्धि हुई।
मिसाइल ने व्यवस्थित तरीके से और सभी महत्वपूर्ण संचालन जैसे- लॉन्च चरण, बूस्टर तैनाती, इंजन आरंभ होना, पंख परिनियोजन और अन्य परिचालन मापदंडों के साथ उड़ान भरी जिसे स्वचालित मार्ग प्रदर्शन पर देखा गया। मिसाइल का मार्गदर्शन, नियंत्रण और नेविगेशन प्रणाली को जीपीएस प्रणाली के साथ-साथ स्वदेशी डिजाइन किए गए रिंग लेजर ज्यॉस्कोस्कोप (आरएलजी) और एमईएमएस आधारित इन्टिर्यल नेविगेशन सिस्टम (आईएनएस) के आसपास बनाया गया था। मिसाइल ने कुल 50 मिनट की भव्य उड़ान में 647 किमी की रेंज को प्राप्त किया। मिसाइल को जमीन पर अवस्थित रडार की मदद से ट्रैक किया गया और डीआरडीओ द्वारा विकसित स्वदेशी टेलीमेट्री स्टेशनों द्वारा अन्य मापदंडों की निगरानी की गई।
रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की इस सफलता की सराहना की और इस प्रेरणादायक उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सफल परीक्षण भारत को इस जटिल तकनीक और सब सोनिक क्रूज मिसाइल क्षमता रखने वाले देशों की श्रेणी में ले जाएगा।
डीआरडीओ के अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सेना में इस्तेमाल करने वाले अन्य प्रतिनिधियों सहित डीआरडीओ के अध्यक्ष और रक्षा विभाग (आर एंड डी) के सचिव डॉ. एस क्रिस्टोफर, डीजी (एरो) डॉ. सीपी रामनारायणन, निदेशक एडीई, आरसीआई, आईटीआर और सीएमआईएलएसी ने इस यादगार प्रक्षेपण को देखा और लंबे समय से प्रतीक्षित इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ को गौर्वान्वित करने के लिए टीम ‘निर्भय’ को बधाई दी।