नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार) , प्रधान मंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायतें व पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज यहां कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के कार्मिक तथा प्रशिक्षण (डीओपीटी) द्वारा आयोजित एक समारोह में सिविल सेवा परीक्षा (2017) में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया।
समारोह के दौरान डॉ जितेंद्र सिंह ने सभी सफल उम्मीदवारों का स्वागत किया तथा उन्हें बधाई दी। डॉ. सिंह ने उन्हें “नए भारत के शिल्पकार” के रूप में वर्णित किया। उन्होंने सिविल सेवा अधिकारियों से ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण के लिए अपने लंबे करियर के दौरान उपलब्ध अवसरों का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत एक महाशक्ति बनने की प्रक्रिया में है। डॉ. सिंह ने इस तथ्य को रेखांकित किय कि 20 शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले अधिकारियों में से 14 की पृष्ठभूमि इंजीनियरिंग तथा 2 की पृष्ठभूमि चिकित्सा है। कई सफल उम्मीदवारों ने छोटे शहरों में सरकारी स्कूलों से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की है। इससे संकेत मिलता है कि उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए शैक्षिक अवसर केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि युवा अधिकारियों के साथ बातचीत करने से मुझे सीखने का अनुभव मिला है। यह सम्मान समारोह पिछले चार वर्षों से सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से सरकार ने आईएएस अधिकारियों की प्रारंभिक नियुक्ति भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में 3 महीने की अवधि के लिए सहायक सचिव के रूप में की है। इससे अधिकारी केंद्रीय सरकार की कार्य प्रणाली के विभिन्न आयामों से परिचित होते हैं। उन्होंने सभी उम्मीदवारों के सफल भविष्य के लिए कामना की।
शीर्ष स्थान प्राप्त अधिकारियों को संबोधित करते हुए डीओपीटी के सचिव श्री सी. चंद्रामौली ने कहा कि सिविल सेवाओं में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान युवा अधिकारियों को बहुत कुछ सीखना है, जहां वे निश्चित रूप से विभिन्न चुनौतियों का सामना करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वे इन चुनौतियों का अभिनव समाधान पाने में सफल रहेंगे। उन्होंने भविष्य के कार्यकाल के लिए युवा अधिकारियों को शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधिकारी और शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले युवा अधिकारियों के माता-पिता व अभिभावक भी उपस्थित थे।