नई दिल्लीः केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मौसमी इंफ्लूएंजा (एच1एन1) की रोकथाम एवं प्रबंधन की तैयारी की समीक्षा करने के लिए मौसमी इंफ्लूएंजा मामलों की निगरानी के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये, जिसमें जागरूकता पैदा करने, प्रक्षेत्र स्तर पर दवाओं एवं टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा संलेख के अनुसार रोगियों के कारगर एवं आरंभिक उपचार पर विशेष बल दिया गया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में सचिव श्रीमती प्रीति सुडान एवं मंत्रालय, एनसीडीसी, डीजीएचएस एवं आईसीएमआर के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक के दौरान बताया गया कि वर्ष के दौरान राज्यों को पहले ही परामर्श जारी किये जा चुके हैं और स्थिति की केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साप्ताहिक रूप से निगरानी की जा रही है। मंत्रालय ने इंफ्लूएंजा (एच1एन1) के मामलों को प्रबंधित करने के लिए, स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं तथा परीक्षण सुविधाओं को और सुदृढ़ किया है। मंत्रालय ने ऐसे मामलों से वास्ता रखने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए पीपीई किट्स एवं एन-95 मास्क की उपलब्धता भी सुनिश्चित की है। ऐसा देखा गया कि इंफ्लूएंजा (एच1एन1) मामलों के आंरभिक उपचार के लिए ओसेल्टामिविर के पर्याप्त टेबलेट मौजूद हैं।
रोग के मौसमीपन पर विचार करते हुए श्री नड्डा ने अधिकारियों को स्वाइन फ्लू के सभी मामलों की नियमित निगरानी एवं चौकसी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने विशेष रूप से इसका निर्देश दिया कि स्वाइन फ्लू प्रबंधन के लिए आरंभिक पहचान, रिर्पोर्टिंग एवं रोगियों का समुचित वर्गीकरण आवश्यक है। इसके अनुरूप मंत्री महोदय ने दैनिक आधार पर मामलों की निगरानी करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को निर्देश दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य यह सुनिश्चित करें कि अंदरूनी एवं ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष फोकस के साथ रोग के बारे में पर्याप्त जागरूकता फैलाई जाए। सभी राज्य यह भी सुनिश्चित करेंगे कि ओसेल्टामिविर दवा की पर्याप्त आपूर्ति राज्य स्तर पर बरकरार रखी जाए। इस दवा को अब दवा एवं कॉस्मेटिक्स अधिनियम की अनुसूची एच1 के अंतर्गत रख दिया गया है और इसलिए राज्य निजी फार्मेसियों के पास भी इसकी व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सरकारी एवं निजी दोनों ही क्षेत्रों में स्वाइन फ्लू मामले के लिए परीक्षण सुविधाओं की संख्या बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं और एनसीटीसी इस मुद्दे पर राज्यों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएगा। इसके अतिरिक्त, ऐसे सभी मामलों, जिनमें अस्पताल में दाखिल होने की आवश्यकता पड़ती है, की सघन निगरानी जिला एवं राज्य दोनों ही स्तरों पर की जाएगी, जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इससे लोग हताहत न हो सकें।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने केन्द्र सरकार के संस्थानों को मौसमी इंफ्लूएंजा ए (एच1एन1) के रोगियों के लिए पर्याप्त मात्रा में बिस्तरों की संख्या निर्धारित करने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, सभी राज्य इसका अनुसरण करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि आपात स्थितियों के अनुरूप स्वाइन फ्लू के प्रबंधन के लिए उनके उपलब्ध सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त बिस्तर निर्धारित किये जाएं।
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