नई दिल्ली: केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.महेश शर्मा ने आज संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित “राष्ट्रीय जनजातीय और पूर्वोत्तर कला सम्मेलन-2017” का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ.महेश शर्मा ने जनजातीय समुदायो, पूर्वोत्तर के कलाकारो के साथ-साथ चुने हुए समकालीन कलाकारो की सृजनात्मकता की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि सम्मेलन कलाकारो को उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अनूठा मंच प्रदान करेगा और इसमे महत्वपूर्व भारतीय जनजातीय कला के साथ कला की अन्य शैलियो को भी दर्शाया किया गया है। उन्होंने कलाकारो को सृजनात्मकता प्रयासो के लिए अपनी शुभकामनाएं भी व्यक्त की।
सम्मेलन में जनजातीय कला की 12 से अधिक शैलियों का प्रदर्शन किया जाएगा। इनमें से अधिकतर कलाकारो ने विदेशो में आयोजित भारत महोत्सव और अन्य प्रतिष्ठित मंचो पर अपनी कला का प्रदर्शन किया है। कार्यक्रम के दौरान तेलंगाना के चेरियान चित्रकार, दक्षिण भारत की लघु चित्रकला, ओडिसा की पतचित्र कला, राजस्थान की फेस्क्रो चित्रकला के साथ-साथ भील, मीना और आंध्र प्रदेश के कलाकारो द्वारा चर्म चित्रकला का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान लोककला का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
देश में कला की खोज, प्रोत्साहन और प्रचार को प्रोत्साहित करने के प्रयासो के अनुरूप अकादमी ने इस 7 दिवसीय सम्मेलन का आयोजन 28 मार्च,2017 से 4 अप्रैल,2017 तक नई दिल्ली स्थित ललित कला अकादमी, रविन्द्र भवन लॉन, 35 फिरोजशाह रोड़ में किया है। समारोह की शानदार शुरूआत राजस्थान के लोकसंगीत पर आधारित भव्य लोकनृत्य की प्रस्तृति से की जाएगी। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागी कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे और प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक लोगो से बातचीत भी करेंगे।