नई दिल्ली: डॉ (सुश्री) मुकुलिता विजयवर्गीय ने नई दिल्ली में भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के आजीवन सदस्य रूप में कार्यभार संभाला।
डॉ (सुश्री) विजयवर्गीय प्रशासनिक कानून विंग की जिम्मेदारी संभालेंगी। वह सूचना प्रौद्योगिकी, लिमिटेड इनसॉलवेंसी एग्जामिनेशन, नेशनल इनसॉलवेंसी एग्जामिनेशन और लेखा तथा संचार की भी देखरेख करेंगी।
डॉ (सुश्री) विजयवर्गीय दिवाला कानून सुधार समिति (बीएलआरसी) की सदस्य थी, जिसके आधार पर दिवाला और शोधन क्षमता सहिंता 2016 को तैयार किया गया था। दिवाला और शोधन क्षमता सहिंता 2016 को तैयार करने में उन्होंने महत्पूर्ण भूमिका निभाई थी। इस दौरान वह कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग में अपर सचिव थीं।
डॉ विजयवर्गीय ने भारतीय कानूनी सेवा के सदस्य के रूप में सेवा की है। उनके पास कानून के विभिन्न क्षेत्रों में 35 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने विधायी विभाग में 100 से अधिक विधायी प्रस्तावों के प्रारूप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछली कार्यावधि में वह भारत सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग में अपर सचिव थीं। उन्होंने 6 वर्षों (1979-1985) तक वकालत की और कुछ समय के लिए इंदौर में सहायक प्रोफेसर के रूप में भी कार्य किया। इसके अलावा वह जापान और ऑस्ट्रेलिया का दौरा एक स्कालर के रूप में कर चुकी हैं। उनके कई लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं और वह दो पुस्तकों की सह-लेखिका भी रह चुकी हैं।