नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने 161 किलोमीटर लंबी बाराबंकी-अकबरपुर रेल लाइन की दोहरीकरण परियोजना को मंजूरी दे दी है, जिस पर 1,310.23 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह परियोजना वर्ष 2021-22 तक पूरी होने की संभावना है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश में बाराबंकी एवं फैजाबाद जिलों को कवर करेगी और फैजाबाद के रास्ते लखनऊ से वाराणसी तक का समूचा रेलमार्ग इससे लाभान्वित होगा।
वर्तमान में बाराबंकी से वाराणसी तक रेलगाडि़यों का काफी देरी से चलना सामान्य बात है और एक्सप्रेस रेलगाडि़यों को मात्र 323 किलोमीटर की दूरी तय करने में 7 से 15 घंटे तक का समय लग जाता है। इस रेलमार्ग के इस्तेमाल की वर्तमान क्षमता बाराबंकी से फैजाबाद तक 146.5 प्रतिशत और फैज़ाबाद से अकबरपुर तक 152.6 प्रतिशत है। रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना से ट्रेनों की गति बढ़ाने और रेलगाडि़यों के देरी से चलने की समस्या में कमी लाने में मदद मिलेगी और ब्लॉक रखरखाव के लिए अधिक समय मिलने से रेल यात्रा में सुरक्षा बढ़ेगी। भविष्य में यातायात में वृद्धि को देखते हुए अतिरिक्त क्षमता सृजित होगी।
रेल लाइन के दोहरीकरण से न केवल लखनऊ से वाराणसी तक के पूरे रेलमार्ग में रेलगाडि़यों की भीड़-भाड़ कम होगी, बल्कि इस क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि और समग्र विकास भी संभव होगा। इसके अलावा वाराणसी, जिसे अक्सर भारत की आध्यात्मिक राजधानी और अयोध्या के पवित्र शहर के रूप में जाना जाता है, के लिए कनेक्टिविटी या रेल संपर्क आसान हो जाने से तीर्थयात्रा, पर्यटन और वहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा।
इससे अकबरपुर के निकट स्थित टांडा विद्युत संयंत्र के लिए कोयले की आवाजाही में भी सुधार होगा। अत: इससे विश्वसनीय कोयला आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी और इस तरह सभी के लिए 24×7 सस्ती बिजली मुहैया कराना संभव हो जाएगा।
इसके अलावा, इस परियोजना से निर्माण अवधि के दौरान प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और लगभग 38.64 लाख दिहाडि़यों के बराबर रोजगार पैदा होगा।