चीन के डोंगुआन में आयोजित एशियाई मैराथन चैंपियनशिप में भारतीय धावक थोनाकल गोपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। गोपी एशियाई मैराथन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट बने। गोपी ने दो घंटे 15 मिनट और 48 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
उज्बेकिस्तान के आंद्रे पेत्रोव ने दो घंटे 15 मिनट और 51 सेकेंड के साथ रजत पदक अपनी झोली में डाला, जबकि मंगोलिया के ब्यमबालेव सीवेनरावदान दो घंटे 16 मिनट और 14 सेकेंड के समय से कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।
केरल के रहने वाले 29 साल के गोपी इसी साल अगस्त में हुई विश्व चैंपियनशिप में दो घंटे 17 मिनट 13 सेकेंड के साथ आठवें स्थान पर रहे थे। इसके अलावा पिछले साल रियो ओलंपिक में उन्होंने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दो घंटे 15 मिनट 25 सेकेंड का समय निकाला और 25वां स्थान हासिल किया था। इसके अलावा गोपी इस साल फरवरी में आयोजित दिल्ली मैराथन में भी विजेता रहे थे।
एशियाई मैराथन चैंपियनशिप के अलग से गठन के बाद गोपी यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष हैं। इससे पहले आशा अग्रवाल ने साल 1985 में जबकि सुनीता गोदरा ने साल 1992 में महिला खिताब जीता था। उस समय यह प्रतियोगिता प्रत्येक दो साल में होने वाली एशियाई ट्रैक एवं फील्ड चैंपियनशिप का हिस्सा थी।
रेस के बाद गोपी ने कहा, “मुझे देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने पर गर्व है। मैं इस पर भी गर्व महसूस करता हूं कि मैं इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय बना। मुझे टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने का भरोसा था। मैं रेस में परिस्थितियों के अनुसार अपनी रणनीति बदल रहा था। लेकिन मुझे लगता है कि मैं इससे भी तेज दौड़ सकता था।” आगामी टूर्नामेंट और अगले साल होने वाले एशियाई खेल को लेकर गोपी ने कहा, “अभी मैंने यह खिताब जीता है और एशियाई खेल में भी स्वर्ण पदक जीतना चाहूंगा। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा फिर देखते हैं कि क्या होता है।” उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य साल 1978 में बनाए गए शिवनाथ सिंह के राष्ट्रीय रिकॉर्ड (2:12.00) को तोड़ना है।