भुवनेश्वर: तिब्बत के अध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने कहा कि डोकलाम गतिरोध जैसी छोटी घटनाएं होंगी लेकिन भारत एवं चीन को एकदूसरे की जरूरत है और उन्हें शांतिपूर्वक रहना चाहिए। दलाईलामा ने चीन की लगभग 1.4 अरब और भारत की 1.2 अरब आबादी का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे को स्वीकार करना चाहिए। सात वर्ष बाद ओड़िशा के दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे दलाईलामा ने संवाददाताओं से कहा, यह वास्तविकता है।
यदि आप देखेंगे और सामान्य ज्ञान लगाएंगे तो एकदूसरे को स्वीकार करने और शांतिपूर्ण तरीके से रहने एवं एक दूसरे की मदद करने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच डोकलाम मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा, छोटी समस्याएं होती हैं। यद्यपि मेरा मानना है कि वे बहुत अधिक गंभीर नहीं हैं। दलाईलामा ने कहा कि आज विश्व जिन समस्याओं का सामना कर रहा है उनमें से अधिकतर मानव निर्मित हैं। उन्होंने धर्म के नाम पर लोगों की हत्या की निंदा की ।
उन्होंने रोहिंग्या संकट का उल्लेख करते हुए कहा, बर्मा म्यामां में बौद्ध बहुसंख्या में हैं जहां मुस्लिमों के प्रति बहुत ही नकारात्मक और निर्दयी रूख अपनाया जा रहा है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित दलाईलामा ने कहा, यह आज का विश्व है हत्याएं हैं। यह बहुत नकारात्मक है। दलाईलामा ने ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की और राज्य की राजधानी स्थित एक निजी विश्विविद्यालय में उन्हें सम्मानित करने का भी कार्यक्रम है। (Samacharjagat News)