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दिल्‍ली की करारी हार से मोदी पर बढेगा दबाव: न्‍यूयार्क टाइम्‍स

देश-विदेश

वाशिंगटन : दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की ऐतिहासिक जीत पर अमेरिकी अधिकारियों ने टिप्पणी से भले ही परहेज किया है, लेकिन अमेरिका के प्रमुख अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने चुनाव परिणाम को मोदी की हार बताई है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है, “हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ सफल शिखर सम्मेलन को लेकर पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर चुके प्रधानमंत्री मोदी घरेलू राजनीति में चारों खाने चित्त हो गए हैं। हालांकि, नई दिल्ली चुनाव परिणाम का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”

अखबार के मुताबिक, पिछले साल तीन दशक के भीतर भारी बहुमत से सत्ता में आने के बाद मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने अन्य राज्यों का विधानसभा चुनाव जीतकर अपराजेयता की एक चमक पैदा की थी। टाइम्स ने कहा है, “चुनाव परिणाम का प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय व उनकी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन इसके परिणामस्वरूप आर्थिक व शासन संबंधी वादों को पूरा करने का उनपर दबाव बढ़ेगा।”

अखबार के मुताबिक, कुछ भारतीय विश्लेषक इस हार के पीछे अल्पसंख्यक विरोधी पूर्वाग्रह तथा हिंदूवादी दलों द्वारा छेड़ी गई हिंसा को कारण मानते हैं। कई अन्य अमेरिकी अखबारों जैसे वाशिंगटन पोस्ट व वाल स्ट्रीट जर्नल ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की स्टोरी ‘नई-नवेली पार्टी को भारत की राजधानी में मिली बड़ी जीत, मोदी को झटका’ को छापना पसंद किया।

लेख के मुताबिक, “चुनाव परिणाम से मोदी सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन उसने उन्हें यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि मोदी अजेय नहीं हैं।” एपी ने अपने लेख में कहा है, “यह चुनाव परिणाम स्थानीय तौर पर फैले भ्रष्टाचार पर मतदाताओं की नाराजगी का भी संकेत है।” विश्लेषण में इस बात का उल्लेख है कि यह हार मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के लिए एक चेतावनी है।

विदेश विभाग के प्रवक्ता ने दिल्ली चुनाव परिणाम पर यह कहते हुए टिप्पणी से इंकार कर दिया कि यह भारत के लोगों तथा सरकार का अंदरूनी मामला है। एक सवाल के जवाब में जेन साकी ने मंगलवार को कहा, “हम व्यक्तिगत तौर पर राजनीतिक उम्मीदवारों के समर्थन का काम नहीं करते, इसलिए इसपर आप भारत के लोगों तथा वहां की सरकार से बात करें।”

उन्होंने कहा, “ओबामा का भारत दौरा तथा दिल्ली चुनाव दो अलग-अलग चीजें हैं।” साकी ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं कि हम भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत होता देख रहे हैं, जिसमें असीम क्षमता है।” साकी ने कहा कि विदेश मंत्री जॉन केरी व अमेरिकी राष्ट्रपति का पिछले महीने भारत दौरा इस बात को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “इसलिए हम अपनी बात करते हैं, लेकिन चुनाव परिणाम के विश्लेषण पर मेरे पास कोई टिप्पणी नहीं है।”

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