नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने दिल्ली सफदरजंग रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का दायित्व आरएलडीए के साथ इरकॉन को सौंपा है। इसके तहत आरएलडीए के कार्यालय सहित स्टेशन के आसपास अवस्थित रेलवे की भूमि के साथ-साथ रेलवे स्टेशन के ऊपर के हवाई क्षेत्र की वाणिज्यिक संभावनाओं का उपयोग किया जाएगा। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की गरिमामयी उपस्थिति में भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अधीनस्थ वैधानिक प्राधिकरण रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने इस उद्देश्य के लिए रेल मंत्रालय के अधीनस्थ सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
आरएलडीए के उपाध्यक्ष श्री राकेश गोयल और इरकॉन के सीएमडी श्री एस.के. चौधरी ने इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये। दिल्ली सफदरजंग रेलवे स्टेशन का विकास स्व-वित्त पोषण मॉडल के आधार पर किया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए उस वाणिज्यिक निर्मित क्षेत्र के विपणन के जरिए धनराशि जुटाई जाएगी, जिसका विकास रेलवे की अतिरिक्त भूमि और हवाई क्षेत्र पर स्टेशन विकास परियोजना के एक हिस्से के रूप में किया जाएगा। भूमि और निर्मित भवन आगे भी आरएलडीए के स्वामित्व और नियंत्रण में ही रहेंगे। केवल वाणिज्यिक निर्मित क्षेत्र को ही आरएलडीए द्वारा 45 वर्षों तक की अवधि के लिए पट्टे पर दिया जाएगा। इरकॉन इस परियोजना के तहत डिजाइन, निर्माण और विपणन के कार्य पूरे करेगी। परियोजना के पहले चरण का कार्य स्टेशन के मोती बाग क्षेत्र की तरफ होगा और इसे जनवरी, 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।