देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में ‘‘उच्च शिक्षा में गुणात्मक एवं संख्यात्मक प्रबंधन‘‘ विषय पर आयोजित सेमिनार में प्रतिभाग किया। सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर जो मंथन चल रहा है, इसके सकारात्मक परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे। राज्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक सुनिश्चित लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणात्मक एवं संस्कारपूर्ण शिक्षा की ओर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। विद्यालयों में छात्रों को सिलेबस के अलावा विभिन्न क्षेत्रों की जानकारियां प्रदान करना भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि शोध के क्षेत्र में विशेष प्रयास करने की जरूरत है। ऐसे शोध किये जाने चाहिए जो राज्य के लिए जीवनदायनी साबित हों। जिन शोधों से राज्य में क्रान्तिकारी परिवर्तन हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने देहरादून की रिस्पना और कुमाऊं क्षेत्र की कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। इन नदियों को जनसहयोग से पुनर्जीवित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाइड्रोलाॅजी एवं पर्यावरण से जु़ड़े विशेषज्ञ इन नदियों को पुनर्जीवित करने में सहयोग कर सकते हैं।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणात्मक एवं संख्यात्मक सुधार लाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है। उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई है। 877 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहा 01 जनवरी, 2018 से दीक्षांत समारोह में ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया जा रहा है। ड्रेस कोड उत्तराखण्ड की संस्कृति के आधार पर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनसीसी, एनएसएस, कौशल विकास एवं उद्योगों को विश्व विद्यालयों से जोड़ा जा रहा है।