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देश में तंबाकू खाने वालों की संख्या घटी

देश में तंबाकू खाने वालों की संख्या घटी
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नई दिल्ली: देश में तंबाकू के धुआं रहित उत्पादों गुटखा और पान मसाले पर लगी रोक के सुखद नतीजे आने लगे हैं, तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या में 81 लाख की गिरावट आई है. यह खुलासा ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे 2016-17 में किया गया है. खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को निर्देश दिया है कि वे गुटखा और पान मसाले के उत्पादन और बिक्री पर लगी रोक को पूरी तरह लागू कराएं.
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव सी.के. मिश्रा ने सभी राज्यों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और संबंधित विभागों को इसी माह पत्र लिखकर कहा है कि भारत सहित विश्व में तंबाकू सेवन मौतों और बीमारियां के उन कारणों में है, जिन्हें बहुत हद तक रोका जा सकता है.
मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के 23 अक्टूबर, 2016 के निर्देश का हवाला देते हुए बिहार, कर्नाटक, मिजोरम, मध्यप्रदेश और केरल के मुख्य सचिवों को छोड़कर सभी राज्य के मुख्य सचिवों से कहा है कि वे खाद्य एवं सुरक्षा मानक अधिनियम, 2011 के अंतर्गत बनाए गए खाद्य एवं सुरक्षा मानक (निशेध और प्रतिबंध) विनियमन, 2011 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करें.
इस विनियमन के नियम 224 में प्रावधान है कि तंबाकू और निकोटिन को हमारे भोजन उत्पादों के घटकों के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता, इसलिए सभी गुटखा एवं पान मसाले जैसे खाद्य उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई जाए, जिसमें घटक के रूप में तंबाकू और निकोटिन मौजूद हैं.
टाटा मेमोरियल अस्पताल के प्रोफेसर एवं कैंसर सर्जन डाॅ पकंज चतुर्वेदी ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे 2016-17 में खुलासा किया गया है कि 29.6 प्रतिशत पुरुष, 12.8 प्रतिशत महिला और 21.4 प्रतिशत वयस्क वर्तमान में धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं.
सर्वे रिपोर्ट के आधार पर डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से तंबाकू उत्पादों, जैसे गुटखा, पान मसाले (तंबाकू और निकोटिन सहित) का उपयोग करने वालों की संख्या लगभग 81 लाख तक कम हो गई है.
वायॅस ऑफ टोबेको विक्टिमस (वीओटीवी) के मध्यप्रदेश के पैटर्न डा़ॅ ललित श्रीवास्तव ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि गुटखा की बिक्री पर प्रतिबंध को विफल करने और दंड से बचने के लिए, निर्माता अलग-अलग पाउचों में स्वादिष्ट चबाने वाले तंबाकू के साथ पान मसाला (बिना तंबाकू) बेच रहे हैं. ऐसा होने पर उपभोक्ता पान मसाला और तंबाकू एक साथ खरीद लेते हैं.
डॉ. श्रीवास्तव के मुताबिक, सचिव के निर्देशों में कहा गया है कि पहले से तैयार मिश्रण लेने के बजाय, तंबाकू कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को गुटखा और पान मसाला उपलब्ध कराने का रास्ता खोज निकाला है. यह उपभोक्ताओं को जुड़वा पैक में बेचा जा रहा है. एक पैक में गुटखा होता है तो दूसरे में पान मसाला.
भारत सहित विश्व में तंबाकू सेवन से मौतें और बीमारियां बढ़ रही हैं, जिन्हें बहुत हद तक रोका जा सकता है. भारत में धुआं रहित तंबाकू के सेवन के कारण मृत्यु दर और रोगों में इजाफा हो रहा है. तंबाकू के कारण भारत में प्रति वर्श लगभग 10 लाख लोगों की मौतें होती हैं. उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि विश्व में मुंह के कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं.

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