देहरादून: देहरादून में गूँज के 18 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे गूँज संस्था के संस्थापक एवम रैमन मैग्सेसे अवार्डी श्री अंशु गुप्ता जी के द्वारा संस्था के विगत 18 वर्षो में किये गये कार्यो के बारे में जानकारी दी गयी साथ ही संस्था की भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में देहरादून एवम उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रो से आये लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में गूँज के विभिन्न कार्यक्रमो के बारे में जानकारी दी गयी, जिनमे मुख्यतः “क्लॉथ फ़ॉर वर्क”, “नॉट जस्ट अ पीस ऑफ़ क्लॉथ”, “स्कूल टू स्कूल” के कार्यो की विस्तृत जानकारी दी गयी एवम कैसे आप गूँज के साथ जुड़ सकता है उसके बारे में बताया गया।
संस्था के संस्थापक श्री अंशु गुप्ता जी ने बताया कि संस्था का कार्य देश के 22 राज्यो में स्वयं व् देश के विभिन्न राज्यो में कार्य कर रही 250 से ज्यादा सहयोगी संस्थाओं के साथ किया जा रहा है व् संस्था द्वारा उत्तराखंड में किये जा रहे विकास के कार्यो को विस्तार से बताया गया। वर्ष 2013 की आपदा के पश्चात् गूँज पिछले 4 वर्षों से उत्तराखंड के आपदा ग्रस्त व् अन्य क्षेत्रो में विभिन्न माध्यमो से ग्रामवासियो के साथ मिलकर कार्य कर रही है। आपदा से लेकर अब तक गत 4 वर्षो में गूँज उत्तराखंड के लगभग 700 से भी ज्यादा गांव में कार्य किया गया है जिसमे लगभग 400 ट्रक सामान के द्वारा उत्तराखंड के उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग व् पिथौरागढ़ जिले में 800 से ज्यादा “क्लॉथ फ़ॉर वर्क” के कार्य कराए गए है।
CFW कार्य के अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा अपने गांव की प्रमुख समस्याओ को श्रमदान के अंतर्गत करने हेतु प्रोत्साहित किया गया, जिसके अंतर्गत ग्रामवासियो के द्वारा श्रमदान में लकड़ी का पुल, चरी व् गांव की सफाई, रास्तो व् सड़को की मरम्मत, खेत की सुरक्षा दीवार इत्यादि कार्य किये गए। गूँज के द्वारा ग्रामीणों को प्रोत्साहन हेतु एक फॅमिली किट भी दी जाती है व् ग्रामीणों को जागरूक किया जाता है कि वो श्रमदान के माध्यम से अपने गांव की समस्याओं को स्वयं हल करे।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगो ने गूँज के द्वारा किये जा रहे इन सभी कार्यो की प्रशंसा की और गूँज के साथ जुड़ने की उत्सुकता जाहिर की। अंशु गुप्ता जी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति गूँज के साथ public collection center (PCC’s), Team 5000 इत्यादि कार्यकर्मो के माध्यम से जुड़ सकता है। इसके लिए आप गूँज की वेबसाइट www.goonj.org के माध्यम से या गूँज के ऋषिकेश ऑफिस से संपर्क करके जानकारी प्राप्त कर सकते है या mail@goonj.org पर ईमेल के माध्यम से भी संपर्क कर सकते है।
श्री अंशु गुप्ता जी ने कहा कि “ये सभी काम एक हवन की तरह है, जिसका पहला उसूल यह होता है कि जिसके पास जो है वो आहुति में डाले। इस काम में चाहे वो पैसा है, सामान है, वक़्त है, ज्ञान जोभी है, हर एक चीज़ की समान एहमियत है। और वक़्त आ गया है कि देश का आम नागरिक इसकी समझे और तमाम तरह के प्रयासों का हिस्सा बने क्योंकि आज देश को सिर्फ Thinkers की जरूरत नहीं है, Doers की जरूरत है।”
गूँज के बारे में:
गूँज- एक बहु पुरस्कार विजेता सामाजिक उद्यम, शहर के अनुपयोगी सामग्री का उपयोग भारत भर के गाँव में विकास कार्य करने हेतु कर रहा है I गूंज, सालाना 3000 टन से अधिक सामग्री के साथ काम करते हुए, एक संसाधन के रूप में इस सामग्री को ग्रामीण समुदायों तक गरिमा के साथ पहुंचाता है जहाँ लोग बड़े पैमाने पर जल निकायों की रिचार्जिंग, स्थानीय बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण,शिक्षा, अपने खुद के मुद्दों को संबोधित करने के लिए इत्यादि विकास कार्य अपनाते है I गूंज के काम ने आपदा राहत और पुनर्वास के काम में व्यवस्थित रूप से परिवर्तन लाने का नेतृत्व किया है; जबकि एक व्यावहारिक समाधान के रूप में साफ सूती कपड़ा प्रदान कर माहवारी स्वच्छता के सबसे वर्जित मुद्दे को खोला है । अन्य जानकारी के लिए www.goonj.org पर संपर्क करें I