नार्थ साउंड: महेंद्र सिंह धोनी ने 100 से अधिक गेंदों का सामना कर लिया हो और तब तक एक भी चौका या छक्का नहीं लगाया हो, सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन कल वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथे एकिदवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अपनी धुआंधार बल्लेबाजी के लिये मशहूर इस पूर्व कप्तान ने अपने करियर की सबसे धीमी पारी खेली।
धोनी ने 114 गेंदों पर 54 रन बनाये और उनका स्ट्राइक रेट 47.36 रहा। धोनी ने अपने करियर में अब तक 295 वनडे खेले हैं और यह पहला अवसर है जबकि उन्होंने 50 से अधिक रन बनाये लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 50 से कम रहा। धोनी के नाम पर वनडे में 64 अर्धशतक और 10 अर्धशतक दर्ज हैं और इन 74 पारियों में से 38 में उनका स्ट्राइक रेट 100 या इससे अधिक रहा।
इससे पहले धोनी का 50 से अधिक रन की पारी में सबसे खराब स्ट्राइक रेट 60.67 था। तब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 2013 में कोलकाता में 89 गेंदोंपर नाबाद 54 रन बनाये थे।
धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ कल के मैच में 103वीं गेंद का सामना करते हुए अपना पहला चौका लगाया और 108 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया। यह 2001 के बाद किसी भी भारतीय बल्लेबाज का सबसे धीमा अर्धशतक है। पिछले 17 वर्षो में धोनी के अलावा केवल सौरव गांगुली ने दो अवसरों पर अर्धशतक पूरा करने के लिये 100 से अधिक गेंदें खेली। गांगुली ने 2005 में श्रीलंका के खिलाफ 105 गेंदों और 2007 में श्रीलंका के खिलाफ 104 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया था।
धोनी ने इससे पहले सबसे धीमा अर्धशतक 88 गेंदों पर पाकिस्तान के खिलाफ ईडन गार्डन्स में बनाया था और तब भी भारत मैच हार गया था। वेस्टइंडीज ने कल 189 रन बनाने के बावजूद 11 रन से जीत दर्ज की।
यही नहीं धोनी ने जिन 149 पारियों में 25 या इससे अधिक रन बनाये उनमें यह उनका सबसे कम स्ट्राइक रेट है। इससे पहले उनका इस तरह की पारियों में सबसे कम स्ट्राइक रेट 50.66 था। उन्होंने 2010 में न्यूजीलैंड के खिलाफ डाम्बुला में खेली गयी इस पारी में 75 गेंदों पर 38 रन बनाये थे।
यह पिछले लगभग 20 वर्षो में पहला अवसर है जबकि भारत 190 या उससे कम लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहा। इससे पहले 1998 में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में 36 ओवरों के मैच में 172 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 163 रन पर आउट हो गयी थी।
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