मुंबई: ऋषि कपूर ने विवादित साहित्यकार सआदत हसन मंटो के जीवन पर बन रही फिल्म की निर्देशक नंदिता दास के साथ किसी भी तरह के मनमुटाव की ख़बरों को बेबुनियाद बताया है l
दरअसल ये विवाद तब पैदा हो गया था जब ये ख़बर आई कि ऋषि कपूर ने फिल्म मंटो में काम करने के वक्त कहा था कि ये गलत हो गया l ऋषि ने इस बावत ट्विटर का सहारा लिया और इस विवाद पर सफाई दी l उन्होंने लिखा – “मैंने नंदिता दास की फिल्म में सिर्फ एक सीन के रूप में कैमियो किया है l ये सिर्फ़ उनके प्रति सम्मान और लगाव के लिए था l लेकिन किसी गलत व्यक्ति ने मेरे और नंदिता के बीच गलफहमी पैदा करने की कोशिश की l मनमुटाव की सारी बातें पूरी तरह बकवास हैं l मैं उनकी इस फिल्म और फिल्म के कान फिल्म फेस्टिवल में जाने के लिए बधाई देता हूं l
I have done one scene in Nandita Das’s film “Manto” in a cameo. Just for the respect and admiration I have for her. Some mischief monger has tried to create a wedge between her and me. Absolutely untrue! I support the film and wish her all the best at Cannes Film Festival!
— Rishi Kapoor (@chintskap) April 29, 2018
ऋषि कपूर की अगले महीने फिल्म 102 नॉट आउट आने वाली है और उसी सिलसिले में जब वो एक इंटरव्यू में इस तरह की बाते सामने आईं l नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी स्टारर फिल्म मंटो में ऋषि कपूर का 15 मिनट का रोल है l मंटो को कान फ़िल्म फेस्टिवल के ‘Un Certain Regards’ के ऑफिशियल सेशन के लिए चुना गया है। इस फिल्म में नवाज़ के साथ शशांक अरोड़ा, परेश रावल और रसिका दुग्गल भी अहम् भूमिका निभाते हुए दिखेंगे।
कौन थे मंटो –
सदाअत हसन मंटो का जन्म 11 मई 1912 को पैदा हुए और 18 जनवरी 1955 को दुनिया से रुखसत कर गए। 42 साल और 8 महीने की जिंदगी में मंटो ने इश्क, त्रासदी, सांप्रदायिक झगड़ों पर खूब लिखा। बाइस लघु कथा संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पांच संग्रह, रचनाओं के तीन संग्रह और व्यक्तिगत रेखाचित्र के दो संग्रह लिखने वाले मंटो पर अश्लीलता के कई आरोप लगे। उन्हें कुल 6 बार अदालत में जाना पड़ा। 3 बार ब्रिटिश भारत में 3 बार पाकिस्तान में। लेकिन एक भी बार मामला साबित नहीं हो पाया। मगर मंटो की कहानियां पढ़ने वाले बताते हैं कि उनकी लेखनी समाज को उधेड़ कर फेंक देती है। आज वे भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के निर्विवाद रूप से महान लेखक हैं।
जागरण