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नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में 32 परियोजनाओं की आधारशिलाएं रखी गईं, दो परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया

देश-विदेश

नई दिल्लीः केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्‍य मंत्री डॉ. सत्‍यपाल सिंह तथा उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री श्री त्रिवेन्‍द्र सिंह रावत की उपस्थिति में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मंगलवार को उत्तराखंड में 905 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 32 परियोजनाओं की आधारशिलाएं रखी गईं। इस अवसर पर मे.ज. भुवन चन्‍द्र खंडूरी, उत्तराखंड के पेयजल मंत्री श्री प्रकाश पंत, उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज, संसद सदस्‍य श्री रमेश पोखरियाल (हरिद्वार), श्री मदन कौशिक तथा विधायक श्री सुरेन्‍द्र सिंह नेगी, श्री आदेश चौहान व श्री महेन्‍द्र भट्ट भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में 12.83 करोड़ रुपये की लागत से तैयार दो सीवर शोधन परियोजनाओं (गंगोत्रीधाम में सीवर योजना और एसटीपी तथा बद्रीनाथ में 0.26 एमएलडी क्षमता वाली एसटीपी) का उद्घाटन किया गया।

इस अवसर पर डॉ. सत्‍यपाल सिंह ने कहा, ‘हमें गंगा स्‍वच्‍छता मिशन को जनांदोलन बनाना है। लोगों की मानसिकता में बदलाव की आवश्‍यकता है। लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि वे नदी को किसी भी रूप में प्रदूषित न करें।’ उन्‍होंने नमामि गंगे कार्यक्रम में लोगों की सहभागिता के महत्‍व को रेखांकित किया। ‘हम लोगों ने लंदन और मुम्‍बई में दो सफल रोडशो आयोजित किए जिसमें उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने गंगा स्‍वच्‍छता मिशन में सहभागी बनने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की’।

श्री त्रिवेन्‍द्र सिंह रावत ने कहा कि, ‘हम लोगों में से प्रत्‍येक को भागीरथ बनने की जरूरत है। यही एकमात्र समाधान है।’ समाज के प्रत्‍येक सदस्‍य को इसमें भाग लेना पड़ेगा। सरकार के प्रयास काफी नहीं है। यदि हम सभी एकजुट होते हैं तो अविरल और निर्मल गंगा के सपने को निश्चित रूप से साकार किया जा सकेगा’।

32 परियोजनाओं में से 871.74 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 20 परियोजनाएं सीवर शोधन तथा उत्तराखंड के विभिन्‍न भागों में आधारभूत संरचना के निर्माण से संबंधित हैं। छह परियोजनाएं हरिद्वार में लागू की जाएंगी। इसके अंतर्गत जगजीतपुर और सराय में दो एसटीपी का निर्माण किया जाएगा। हरिद्वार के परियोजनाओं की कुल लागत 414.20 करोड़ रुपये है।

सभी परियोजनाओं के पूरे होने के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश समेत उत्तराखंड के सभी प्रमुख शहरों का पानी बिना शोधित हुए गंगा में नहीं जाएगा। इसके अतिरिक्‍त उत्तरकाशी, मुनि की रेती, कीर्ति नगर, श्रीनगर, रुद्र प्रयाग, बद्रीनाथ, जोशीमठ, चमोली, नंद प्रयाग और कर्ण प्रयाग में सीवेज शोधन परियोजनाओं की आधारशिलाएं रखी गईं। टिहरी गढ़वाल, रुद्र प्रयाग और चमोली में घाट विकास कार्यों के लिए आधारशिलाएं रखी गईं।

परियोजनाओं के अंतर्गत जगजीतपुर में 85.14 करोड़ रुपये की लागत से आई एंड डी कार्य, 244.91 करोड़ रुपये की लागत से जगजीतपुर में सीवेज शोधन कार्य, 31.46 करोड़ रुपये की लागत से सराय में आई एंड डी कार्य, 52.64 करोड़ रुपये की लागत से सराय में सीवेज शोधन कार्य, 2.1 करोड़ रुपये की लागत से तपोवन में 3.5 एलएलडी की क्षमता वाली एसटीपी, 4.5 करोड़ रुपये की लागत से स्‍वर्ग आश्रम में 3 एमएलडी क्षमता वाली एसटीपी, 158 करोड़ रुपये की लागत से ऋषिकेश में आई एंड डी और 26 एमएलडी क्षमता वाली एसटीपी, 80.45 करोड़ रुपये की लागत से मुनि की रेती में आई एंड डी और एसटीपी कार्य, 10.03 करोड़ रुपये की लागत से उत्तरकाशी में 2 एमएलडी क्षमता वाली एसटीपी इकाई, 4.2 करोड़ रुपये की लागत से कीर्ति नगर में आई एंड डी और एसटीपी कार्य, 22. 5 करोड़ रुपये की लागत से श्रीनगर में आई एंड डी और एसटीपी कार्य, 15.4 करोड़ रुपये की लागत से श्रीनगर में 3.5 एमएलडी क्षमता वाली एसटीपी पुनरुद्धार कार्य, 13.1 करोड़ रुपये की लागत से रुद्र प्रयाग में आई एंड डी और एसटीपी कार्य, 18.23 करोड़ रुपये की लागत से ब्रदीनाथ में आई एंड डी और एसटीपी कार्य, 48.42 करोड़ रुपये की लागत से जोशी मठ में आई एंड डी और एसटीपी कार्य, 61.8 करोड़ रुपये की लागत से चमोली में आई एंड डी और एसटीपी कार्य, 6.4 करोड़ रुपये की लागत से नंद प्रयाग में आई एंड डी और एसटीपी कार्य, 12.09 करोड़ रुपये की लागत से कर्ण प्रयाग में आई एंड डी और एसटीपी कार्य, 6 करोड़ रुपये की लागत से टि‍हरी गढ़वाल में घाट विकास कार्य, 24 करोड़ रुपये की लागत से चमोली में घाट विकास कार्य तथा 4.77 करोड़ रुपये की लागत से रुद्र प्रयाग में घाट विकास कार्य शामिल हैं।

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