हरिद्वार: प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 40वीं वाहिनी पी.ए.सी. हरिद्वार में बतौर मुख्य अतिथि नवनियुक्त बन्दीरक्षकों की प्रथम दीक्षान्त परेड की सलामी ली एवं दीक्षान्त परेड का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 187 रिक्रूट बन्दीरक्षकों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन, राज्य की प्रतिष्ठा एवं कारागार विभाग की छवि को आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण निष्ठा से कार्य करने की सपथ दिलाई। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है राज्य गठन के 17 वर्षों में पहली बार बन्दी रक्षकों की दीक्षांत परेड का आयोजन किया जा रहा है। रिक्रूट बन्दीरक्षकों को 20 फरवरी 2017 से 03 माह का प्रशिक्षण 40वी. वाहिनी पी.ए.सी. हरिद्वार में दिया गया इसके बाद इन्हें 03 माह का कारागारों में व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य के लिए सुरक्षाबल की अनिवार्य आवश्यकता है। आज अधिकारियों एवं जवानों का दायित्व सुरक्षा के साथ ही जनता एवं कैदियों का हृदय परिर्वतन कर सकारात्मक दिशा की ओर ले जाना भी है। प्रशिक्षण में बन्दी रक्षकों को योग, रचनात्मक कार्यों, भारतीय संविधान, आई.पी.सी., सी.आर.पी.सी., अनुशासनात्मक रूप से प्रशिक्षित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 10 प्रशिक्ष्णार्थियों को पुरस्कृत भी किया। प्रशिक्षण में बन्दीरक्षक जितेन्द्र सिंह रावत ने प्रथम, मेजर सिंह ने द्वितीय एवं आशीष प्रसाद ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
महानिरीक्षक कारागार उत्तराखण्ड डाॅ पी.वी.के. प्रसाद ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान बन्दी रक्षकों को तीन माह का गहन प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के साथ ही गंगा सप्तमी के अवसर पर हरकी पेड़ी, दक्ष मंदिर, शीतला माता घाट, सती घाट आदि स्थानों पर बन्दीरक्षकों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया। वाहीनी परिसर में फलदार एवं छायादार वृक्षों का रोपण किया गया। प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा अलग-अलग टाॅपिकों पर प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तीन माह के प्रशिक्षण के बाद कारागारों में भी बन्दीरक्षकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, भाजपा जिलाध्यक्ष हरिद्वार जयपाल सिंह चैहान, जिलाधिकारी दीपक रावत, एस.एस.पी. कृष्ण कुमसार वी.के., सेनानायक 40 वी. वाहिनी पी.ए.सी. रोशल लाल शर्मा, सेनानायक आई.आर.बी. अरूण मोहन जोशी, सेनानायक ए.टी.सी. नीरू गर्ग, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।