नई दिल्लीः नवाचार के प्रयासों को और मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से मानव संसाधन विकास मंत्रालय में एक नवाचार प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। इसके प्रमुख एक वैज्ञानिक होंगे और इसमें मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ-साथ ऐसे युवा प्रोफेशनल शामिल होंगे जो नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नए विचारों को प्रस्तुत करते हैं।
यह बात मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज यहां एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद कही।
यह निर्णय 127 देशों की सूची वाले वैश्विक नवाचार सूचकांक रैंकिंग में भारत के वर्ष 2016 के 66वें पायदान से 6 पायदान ऊपर चढ़कर वर्ष 2017 में 60वें पायदान पर पहुंच जाने के कुछ समय बाद ही लिया गया है। भारत की रैंकिंग में लगातार दूसरे वर्ष सुधार देखा गया है और यह सुधार अन्य मंत्रालयों के साथ समन्वय में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्मार्ट इंडिया हैकथॉन का शुभारंभ करने के समय ही हुआ है।
वैश्विक नवाचार सूचकांक 2017 के तहत भारत ने नवाचार संबंधी इनपुट और नवाचार दक्षता के मामले में अपनी स्थिति में सुधार किया है। देश के लिए सबसे अच्छी बातों में बड़ी संख्या में विज्ञान एवं इंजीनियरिंग स्नातकों का होना, भारत में वैश्विक आरएंडडी कंपनियों के निवेश में वृद्धि, बेहतर क्यूएस विश्वविद्यालय रैंकिंग एवं काफी ज्यादा उद्धृत किए जाने वाले अनुसंधान प्रकाशन में उच्च रैंक, आईटी सेवा विशेषज्ञों में वैश्विक स्तर पर अगुवाई करना और रचनात्मक वस्तुओं के निर्यात में अग्रणी होना शामिल हैं।
श्री जावड़ेकर ने कहा, ‘ वैश्विक नवाचार सूचकांक 2017 में भारत की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है। चूंकि वैश्विक नवाचार सूचकांक का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा से संबंधित है, इसलिए मंत्रालय में नवाचार प्रकोष्ठ की स्थापना से नवाचार एवं शोध प्रयासों पर और भी अधिक ध्यान देना संभव होगा।’
मंत्री महोदय ने कहा, ‘सरकार अपने एक विशेष उपाय के रूप में आर्थिक विकास और जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए नवाचार पर जो नए सिरे से जोर दे रही है उसके सकारात्मक नतीजे अब दिखने लगे हैं। विभिन्न प्रमुख संस्थानों में छह नए अनुसंधान पार्क मंजूर किए गए हैं। देश भर में सभी संस्थानों को कवर करने वाले 120 से भी अधिक टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्क्यूबेटर हैं।’
मंत्री महोदय ने यह भी कहा, ‘देश के शीर्ष केंद्रीय तकनीकी संस्थानों में नवाचार एवं अनुसंधान संबंधी बुनियादी ढांचे को तेजी से स्थापित करने के लिए उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी (एचईएफए) के जरिए अधिक धन आवंटित करने पर सरकार का विशेष ध्यान होने और इन संस्थानों के 1000 शीर्ष छात्रों को प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप (पीएमआरएफ) देने से भारत के नवाचार एवं अनुसंधान प्रयासों को आगे बढ़ाने और प्रतिभा पलायन को रोकने में मदद मिलेगी।’
टिंकरिंग लैब्स सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों में शुरू की गई हैं और नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन के अंतर्गत टिंकरिंग लैब्स को स्कूल स्तर पर स्वीकृत किया जाता है।
स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2018 में भागीदारी में व्यापक वृद्धि देखी गई है। इस दौरान एक लाख से भी अधिक छात्रों ने पेश की गई विभिन्न समस्याओं के लिए नवाचार जानकारियां या इनपुट प्रस्तुत किए। चालू वर्ष में हार्डवेयर हैकथॉन को भी जोड़ा गया है जिससे नए उत्पादों के सृजन का मार्ग प्रशस्त हुआ। हार्डवेयर हैकथॉन प्रतियोगिता में 20,000 से भी अधिक छात्रों ने भाग लिया है जिसमें आईआईटी खड़गपुर द्वारा अगुवाई की जा रही है।