देहरादून: एक स्थानीय होटल में नाबार्ड के 36 वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि किसानों द्वारा आत्महत्या जैसी दुखद घटनाओं को रोकने के लिए नाबार्ड सहित विभिन्न संस्थाओं को समन्वित प्रयास करना होगा। उत्तराखण्ड में पलायन को रोकने के लिए भूमि की उत्पादकता में वृद्धि पर बल देना होगा। नाबार्ड, कृषि शिक्षा व अनुसंधान के लिए ऋण उपलब्ध करवाने पर विचार करे।
राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में देश के कई स्थानों से कर्जग्रस्त किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं। किसानों को गरीबी के जंजाल से निकालने के लिए भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा से आगे बढ़कर किसानों की आय सुरक्षा की महत्वपूर्ण पहल की है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें नाबार्ड व अन्य संस्थाओं को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। किसानों के कल्याण पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। कृषि की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए कृषि शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। कृषि व गैर कृषि आय के अंतर को कम करना होगा। किसानों की आय में कमी का विपरीत प्रभाव पूरे कृषि क्षेत्र पर पड़ता है। कृषि क्षेत्र की अधिक उत्पादकता के उपाय करते हुए युवाओं का रूझान कृषि क्षेत्र की ओर किया जाना जरूरी है।
राज्यपाल ने कहा कि व्यापारिक बैंकों द्वारा एजुकेशन लोन दिए जाते हैं। नाबार्ड को कृषि अनुसंधान, कृषि शिक्षा के लिए ऋण उपलब्ध करवाने पर विचार करना चाहिए। कृषि में आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देना होगा। राज्यपाल ने मृदा संरक्षण व जल संरक्षण पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि खेती में उर्वरकों व पानी के जरूरत से कहीं अधिक उपयोग किए जाने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए किसानों को शिक्षित करना होगा। फसलों के सही पैटर्न पर भी किसानों को समुचित जानकारी दी जाए।राज्यपाल ने नाबार्ड को उसके 36 वें स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि ग्रामीण व कृषि विकास में नाबार्ड की प्रमुख भूमिका रही है। राज्यपाल ने इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्वयं सहायता समूहों, बैंक शाखाओं आदि को सम्मानित किया। कार्यक्र्रम में केबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत, श्री सुबोध उनियाल, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा.धन सिंह रावत, नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।