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निवेश आमंत्रण की कोशिश रंग लाई, मंच से ही निवेशकों द्वारा निवेश की घोषणा

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार का एक प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के औधोगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना के नेतृत्व में उद्यमियों एवं निवेशको को आमंत्रित करने के लिए हैदराबाद पंहुचा जहाँ होटल आई.टी.सी. काकतीय मे रोड शो के माध्यम से उत्तर प्रदेश मे निवेश किये जाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय के अतिरिक्त अपर मुख्य सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स श्री संजीव सरन, प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल, ग्रेटर नोयडा के मुख्य कार्य पालक अधिकारी, श्री देवाशीष पांडा, प्रवन्धक निदेशक, उ.प्र. राज्य औद्योगिक विकास निगम श्री रणवीर प्रसाद, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव अमित सिंह तथा निदेशक एवं विशेष सचिव, सूचना श्री अनुज कुमार झा मौजूद थे।

हैदराबाद में उत्तर प्रदेश सरकार की निवेश आमंत्रण की कोशिश रंग लाती दिखी जब जी.वी.के. ग्रुप के मालिक श्री प्रसन्ना रेड्डी ने मंच से ही उत्तर प्रदेश मे निवेश की इच्छा जाहिर की तथा हैदराबाद के निवेशकों के मध्य उत्तर प्रदेश के प्रति बढते विश्वास को व्यक्त किया।

उन्होंने उ0प्र0 में नये विकसित किए जा रहे हवाई अड्डो विशेषकर जेवर एयरपोर्ट में निवेश करने की अपनी इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जी0वी0के0 ग्रुप द्वारा मुम्बई एवं बंगलुरू हवाई हड्डों का निर्माण पूर्व में किया जा चुका है और इस ग्रुप को नवी मुम्बई में एक अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य सौपा गया है।

उन्होंने बताया कि वे पहले से ही उत्तर प्रदेश मैं कार्य कर रहे है तथा इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बिजली के क्षेत्र मे निवेश करने के इच्छुक है। जिन 14 राज्यों में वह काम कर रहे हैं उनमे उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। उन्होंने प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था मौजूदा समय में उत्तम है। इतना ही नहीं, सी.आई.आई. हैदराबाद के अध्यक्ष तथा पूजो लानो ग्रुप के मालिक श्री अभिजीत पाई ने सभी मौजूद निवेशको को बदले हुए माहोल एवं नीतियों के प्रति आश्वस्त किया ।

निवेशकों को औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने उत्तर प्रदेश की नई सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति के अंतर्गत निवेशकों को उपलब्ध कराई जाने वाली रियायतों एवं सुविधाओं की जानकारी देते हुए उनसे उत्तर प्रदेश में निवेश का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नई नीति को और अधिक व्यावहारिक और रोजगार परक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अगले 5 वर्षों में 05 लाख करोड रुपये का निवेश सुनिश्चित कराते हुए सरकार द्वारा 20 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का संकल्प किया गया है।

प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री आज हैदराबाद के होटल आईटीसी काकतिया में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर समिट के अंतर्गत आयोजित तीसरे रोड शो को संबोधित कर रहे थे। इसके पूर्व नई दिल्ली और बंगलुरू में समिट के अंतर्गत रोड शो का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। मुंबई के रोड शो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी शिरकत करेंगे ।

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, डा0 अनूप चंद्र पाण्डेय ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्ट अप नीति के अंतर्गत चयनित स्टार्टअप को राज्य सरकार पुरस्कृत करेगी साथ ही, उनकी समस्याओं का समयबद्ध समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त स्टार्ट अप को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रतिभाग आयोजन हेतु 50000 रुपये की प्रायोजन सहायता दी जाएगी ।

श्री पाण्डेय ने बताया कि नए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति के तहत उद्यमियों को बैंकेबुल प्रोग्राम बनाने हेतु विशेषज्ञों की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी तथा प्रोजेक्ट रिपोर्ट के सापेक्ष वित्तपोषण होने की दशा में ऋण राशि का 2 प्रतिशत शुल्क या वास्तविक धनराशि जो भी कम हो सामान्य वर्ग के लिए 01 लाख रुपये तथा महिला, अनुसूचित जाति व जनजाति हेतु डेढ़ लाख रूपये का भुगतान विभाग द्वारा किया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव आईटी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स श्री संजीव सरन ने बताया कि स्टार्टअप नीति के अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित इकाइयों द्वारा किराए अथवा पट्टे पर ली गई भूमि के लीज या रेंटल में 20 लाख रुपए प्रति वर्ष की अधिकतम सीमा सहित लीज रेंटल 4 प्रतिशत के 50 प्रतिशत के समतुल्य प्रतिपूर्ति, बिजली के बिलों में 50 प्रतिशत उपादान, जिसकी सीमा अधिकतम 50 लाख होगी, को स्वीकार किया गया है।

श्री सरन ने कहा कि स्टार्टअप कार्पस फंड की सीमा सौ करोड रुपए से बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपए कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यम प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत निवेशकों द्वारा स्थापित की जाने वाली औद्योगिक इकाइयों को स्टांप शुल्क में छूट दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि दस्तकारों को तथा पारंपरिक उद्यमियों के पारंपरिक उद्योगों के विकास हेतु बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराने में सहायता की जाएगी। इसके अतिरिक्त इकाई प्रारंभ होने की तिथि के 5 वर्ष तक नियोक्ता को ईपीएफ अंशदान की शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी।

रोड शो में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, डा0 अनूप चंद्र पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर प्रजेंटेशन दिया। रोड शो में आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण, फाइनेंस, एग्री बिजनेस, डेयरी, चिकित्सा, फार्मा, फूड प्रोडक्ट, सीड्स आदि से जुड़े उद्योगों के उद्योगपतियों व उनके अधिकारी शामिल थे। इस अवसर पर लगभग 60 से अधिक अग्रणी उद्योगों के साथ साथ पृथक पृथक बैठक करके प्रदेश के निवेश को बढ़ाने के लिए विस्तार से चर्चा की गई, जिसके तहत इंवेस्टर्स समिट के दौरान उनसे अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाएगा।

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