लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने योजना भवन में नीति आयोग के साथ आयोजित बैठक के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के चहुंमुखी विकास के सम्बन्ध मंे आवश्यक बिन्दुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत भारत सरकार से सभी स्तरों पर सहयोग की अपेक्षा होगी।
श्री योगी ने कहा कि वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर राज्य में 500 या उससे अधिक आबादी वर्ग की समस्त बसावटें ‘आॅल वेदर रोड’ से संतृप्त हैं। उन्होंने नीति आयोग से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत अब 250 से 499 आबादी वर्ग की पक्के मार्गाें से अब तक नहीं जुड़ी बसावटों को ‘आॅल वेदर रोड’ से जोड़े जाने की योजना पर काम किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं में बी0पी0एल0 परिवारों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि वर्तमान समय में जिस सर्वेक्षण के आधार पर कार्य किया जा रहा है वह काफी वर्ष पुराना होने के कारण जमीनी वास्तविकताओं से काफी भिन्न है। उन्होंने प्रत्येक 05 वर्ष में बी0पी0एल0 सर्वे कराए जाने की वकालत की।
श्री योगी ने बुन्देलखण्ड पैकेज की अवधि समाप्त होने के मसले को नीति आयोग के संज्ञान में लाते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अभी भी समन्वित विकास की दिशा में बहुत से कार्य कराए जाने शेष हैं। उन्होंने पैकेज के विस्तार का अनुरोध करते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में शीघ्र ही प्रस्ताव विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नीति आयोग इस पर सकारात्मक रुख अपनाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में खारे पानी, आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित जल की विकट समस्या के स्थायी समाधान हेतु बड़े पैमाने पर सरफेस सोर्स आधारित ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के लिए नीति आयोग से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने आज नीति आयोग के साथ हुई सकारात्मक चर्चा के क्रम में विभिन्न विभागों के लिए कार्यवाही के बिन्दु तय करने के लिए एक कार्यकारी ग्रुप गठित करने के उपाध्यक्ष नीति आयोग के प्रस्ताव का स्वागत किया।
श्री योगी ने नीति आयोग के साथ बैठक में हुई चर्चा के दौरान उभरने वाले बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार को 10 प्रतिशत आर्थिक ग्रोथ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए तेजी से काम करना होगा। ऐसी वृद्धि से ही राज्य में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि कृषि विकास सर्वाधिक आवश्यक है। कानूनी प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कानूनों का सरलीकरण अपेक्षित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन के धन का सदुपयोग पारदर्शिता के साथ करना चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी ठेकों इत्यादि में ई-टेण्डरिंग अनिवार्य करने के निर्णय की सभी ओर से प्रशंसा हो रही है। उन्हांेने चिंता व्यक्त की कि राज्य की प्रगति पिछले वर्षाें में आवश्यकता से कम हुई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कराए गए कार्याें की गुणवत्ता के सम्बन्ध में नीति आयोग द्वारा प्रकट की गई चिंता का समाधान करना होगा।
श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, नीति आयोग की ‘डेवलपमेन्ट सपोर्ट सर्विस’ योजना में भागीदार बनेगा। उन्होंने कृषि क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को जैविक कम्पोस्ट का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित करना होगा। किसानों के बीच सामुदायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना होगा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ‘अन्ना प्रथा’ की सीमित करने के लिए वहां खरीफ फसल की बुआई बढ़ानी होगी। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए विस्तार से चर्चा कर इस दिशा में प्रयास करने होंगे।
‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के विषय पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की सुविधा के लिए ‘आॅनलाइन पोर्टल व्यवस्था’ लागू की जाएगी। सरकारी फाॅर्माें में स्वःप्रमाणन व्यवस्था लागू की जाएगी। गांवों के विकास पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए महिला समूहोें को सुदृढ़ किया जाएगा। राज्य सरकार बाल विकास, बच्चों के स्वास्थ्य तथा पोषण को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान प्रदेश के विकास के सम्बन्ध में दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार गम्भीरता से कार्य करेगी और उन्हें धरातल पर उतारेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग द्वारा सहकारी संघवाद की सोच के साथ विचार-विमर्श के लिए आयोग की प्रशंसा की।
इससे पूर्व, बैठक को ‘सम-अप’ करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविन्द पनगढ़िया ने कहा कि उत्तर प्रदेश पिछले कुछ वर्षाें में विकास की दौड़ में पिछड़ गया था, परन्तु अब मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार आवश्यक निर्णय तेजी से लेकर उन्हें लागू कर रही है। नीति आयोग उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में पूरा सहयोग देगा। किसी भी देश अथवा प्रदेश की प्रगति के लिए सबसे पहले कृषि में प्रगति सबसे आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जापान, सिंगापुर इत्यादि जैसे विकसित देशों ने पहले अपनी कृषि पर ध्यान दिया फिर उद्योगों पर अपना फोकस किया।
श्री पनगढ़िया ने कहा कि किसानों की भलाई के लिए कृषि में सुधारांे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के लिए उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ानी होंगी, ताकि प्रदेश की ओर घरेलू तथा विदेशी निवेशक आकर्षित हों। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने फाउण्डेशनल लर्निंग पर फोकस करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति को चिंताजनक बताया। उन्होंने सभी स्तर की कक्षाओं में ‘टेस्ट’ को अनिवार्य करने की सलाह दी। उन्होंने स्वास्थ्य, स्वच्छ भारत मिशन, पेयजल व्यवस्था इत्यादि पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने नीति आयोग तथा उत्तर प्रदेश सरकार का एक संयुक्त ग्रुप गठित करने का भी सुझाव दिया जो राज्य की प्रगति के विषय में अपनी सिफारिशें देगा। इस अवसर पर नीति आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारी, राज्य सरकार के मंत्रिगण तथा प्रदेश के मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।