देहरादून: नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजीव कुमार ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जा रहे इनोवेटिव कार्यों की सराहना की। कहा कि नीति आयोग राज्य सरकार के साथ मिलकर विकास कार्यों को गति देने का कार्य कर रहा है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि राज्य सरकार ने कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य किये है। कई क्षेत्रों में राष्ट्रीय औसत और बडे राज्यों के औसत से भी अधिक है। बताया गया कि यहां कि प्रति व्यक्ति आय 146826 रूपये है, जबकि औसत आय 94130 रूपये है। मानव विकास सूचकांक भी 7(0.115) है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 0.504 है। सामाजिक विकास इंडेक्स में 64.23 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 53.92 है।
प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आयोग को स्वास्थ्य सूचकांक और चिकित्सा सुविधाओं के बारे में बताया गया। नई पहल के बारे में बताया गया कि देहरादून, अल्मोड़ा में कार्डियाक सेंटर निजी क्षेत्र की सहभागिता से संचालित है। नैनीताल, काशीपुर और कोटद्वार में प्रस्तावित है। देहरादून और हल्द्वानी में नेफ्रो सेंटर संचालित है। 34 अस्पतालों में टेली रेडियोलाॅजी शुरू की गई है। शिक्षा में 2018 से एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकें लागू की जा रही है। लर्निंग लेवल एसेसमेंट शुरू कर दिया गया है। सभी ब्लाको में 2 प्राइमरी, 1 अपर प्राइमरी और 2 सेकेंडरी स्कूल में माॅडल स्कूल शुरू किये गये है। 2018 से कक्षा 3 से विज्ञान अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाया जायेगा। पेयजल के बारे में बताया गया कि 39360 बसावटों में से 22136 बसावटों में पेयजल सुविधा उपलब्ध है। 2022 तक सभी बसावटों को आच्छादित कर दिया जायेगा। 1091 किमी सीवर लाइन का निर्माण हो गया है, 650 किमी का निर्माण चल रहा है और 2022 तक 2050 किमी सीवर लाइन का निर्माण हो जायेगा। सडकों के बारे में बताया गया कि 15745 गांवो में से 9155 गांव सड़को से जुड गये है। 12120 गांव जल्द जुड जायेंगे, शेष 3625 गांव 2022 तक सड़को से जुड जायेंगे। चारधाम (आॅल वेदर रोड) सड़को के निर्माण की प्रगति पर आयोग ने खुशी जाहिर की।
ग्रामीण विद्युतिकरण के बारे में बताया गया कि 15745 गांवों में से 15701 गांवों में बिजली पहुंच गई है, शेष गांवों में दिसम्बर तक बिजली पहुंच जायेगी। आयोग ने एटी एण्ड हानि को 44.82 प्रतिशत से 15.85 प्रतिशत किये जाने पर खुशी जाहिर की। उत्तराखण्ड देश में सबसे सस्ती दर पर बिजली देने वाला देश का पहला राज्य है। इसके अलावा आयोग को कृषि, वानिकी, सगंध पादप, औषधीय पादप की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि उत्तराखण्ड आर्गेनिक स्टेट के रूप में विकसित हो रहा है। 61,000 हेक्टेयर क्षेत्र का आर्गेनिक सर्टीफिकेशन हो गया है। 50026 किसानों ने आर्गेनिक खेती अपनाई है।
बताया गया कि उद्योग के क्षेत्र में उत्तराखण्ड ने लम्बी छलांग लगाई है। अब तक 53487 छोटे और मध्यम उद्योगों की स्थापना हुई है। इससे 11221.13 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश हुआ है, इससे 260416 लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। 273 बडे उद्योगों के माध्यम से 35225 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश हुआ है जिससे 101273 लोगों को रोजगार मिला है। ईज आफ डूइंग बिजनेस मे सुधारों को लागू करके उत्तराखण्ड देश में नवें स्थान पर लीडर स्टेट के रूप में चुना गया था और हिमालयी राज्यों में पहले स्थान पर था। इसके तहत सिंगल विंडो क्लियरेंस लागू किया गया है। कौशल विकास के बारे में बताया गया कि उत्तराखण्ड को पेरिस में आईटी और स्किल डेवलपमेंट में दूसरा स्थान मिला था। पिछले साल 12 हजार युवाओं को विभिन्न स्किल में ट्रेनिंग दी गई थी। 23 क्षेत्रों में स्किल कांउसिल से करार हुआ है, जिसके अंतर्गत 48236 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने आयोग के उपाध्यक्ष को धन्यवाद दिया। उन्होने बताया कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में आयोग को अवगत करा दिया गया है। आयोग ने राज्य के साथ मिलकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का भरोसा दिया है।