नई दिल्लीः पूर्वोत्तर के लिए नवगठित नीति फोरम की पहली बैठक त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में हुयी। बैठक का आयोजन नीति आयोग, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और पूर्वोत्तर परिषद् द्वारा किया गया था। बैठक की सह अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री जितेन्द्र कुमार ने की। बैठक के दौरान दिन भरी चली चर्चाओं में नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियो रियो तथा मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कोनार्ड संगमा के साथ ही अरुणाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री चोवना मेन भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर पूर्वोत्तर राज्यों के कयी वरिष्ठ मंत्री, प्रधान सचिव और केन्द्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक का उद्धाटन करते हुए श्री राजीव कुमार ने कहा कि पूर्वोत्तर में विकास परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सुझाए गयी हीरा हाईवे, आईवे (इंटरनेट), रेलवे और एयर वे की अवधारणा पर आधारित होंगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बगावानी, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, बांस के इस्तेमाल और पूर्वोत्तर में बने सामान को तय समय में पांच मिशन मोड परियोजनाओं के जरिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
डाक्टर जितेन्द्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सरकार आजादी के बाद से पिछले करीब सात दशकों से देश की मुख्यधार से कटे रहे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर पूरी तरह अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आवंटित राशि के इस्तेमाल में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र की विकास परियोजनाओं के लिए शत प्रतिशत वित्तीय मदद देगी। इसके पहले तक केन्द्र सरकार ऐसी परियोजनाओं के लिए 90 फीसदी मदद देती थी जबकि राज्य का हिस्सा दस फीसदी होता था।
नगालैंड के मुख्यमंत्री श्री नेफियू रियो ने कहा पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों में से कोहिमा अकेली ऐसी राजधानी है जिसके पास अपना हवाई अड्डा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इसके लिए भूमि का अधिग्रहण किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विमान संपर्क योजना उडान के तहत नगालैंड को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए कोहिमा में कम से कम एक हवाई पट्टी तो होनी चाहिए।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने कहा कि क्षेत्र की सभी आर्थिक सामाजिक समस्याओं का समाधान केवल विकास के जरिए ही हो सकता है। क्षेत्र में अवसंरचना तथा संपर्क की सुविधाएं विकसित कर विकास से जुड़ी सभी समस्याओं का निराकरण हो सकता है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 2022 में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन मेघालय में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भौगोलिक और आर्थिक बाधाओं को दूर कर ही पूर्वोत्तर क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लप कुमार देब ने त्रिपुरा को इस प्रतिष्ठित आयोजन का मौका दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि तीन ओर से बंगलादेश से घिरे इस राज्य में बंगलादेश से सालाना 300 करोड़ रूपए से ज्यादा का आयात होता है लेकिन निर्यात महज चार करोड़ 60 लाख रूपए का है। श्री कुमार ने कहा कि त्रिपुरा से बांस के निर्यात पर प्रतिबंध है लेकिन पश्चिम बंगाल के जरिए इसका धड़ल्ले से निर्यात हेा रहा है। श्री देब ने कहा कि त्रिपुरा में मत्स्य पालने के क्षेत्र में प्रचुर संभावनाएं हैं क्योंकि राज्य में इसके लिए दुनिया की सबसे बेहतरीन जलवायु मौजूद है लेकिन इसका पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाया है।
पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों के प्रतिनिधियों ने क्षेत्र को समृद्ध बनाने के बारे में बैठक में अपने अहम सुझाव दिए। आज की बैठक का मुख्य विषय भी यही था। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में सचिव श्री नवीन वर्मा तथा एनईसी में सचिव श्री राम मुइवा ने क्षेत्र में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की स्थिति के बारे में जानकारी दी।
पूर्वोत्तर क्षेत्र का सतत आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए पूर्वात्तर के लिए नीति फोरम का गठन फरवरी 2018 में किया गया था।