नई दिल्ली: नीति आयोग ने सहकारी संघवाद की कार्यसूची पर अमल के लिए ‘‘साथ’’ यानी ‘सस्टेनेबल एक्शन फॉर ट्रांसफार्मिंग ह्यूमन कैपिटल’ अर्थात् मानव पूंजी के रूपांतरण के लिए स्थायी कार्यक्रम नामक कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों का कायाकल्प करना है। यह कार्यक्रम विभिन्न राज्यों द्वारा नीति आयोग से अपेक्षित तकनीकी सहायता की आवश्यकता पूरी करेगा।
‘‘साथ’’ का लक्ष्य स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए राज्यों के तीन भावी ‘रोल मॉडलों’ का चयन करना और उनका निर्माण करना है। नीति आयोग अंतिम लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राज्यों की मशीनरी के साथ सहयोग करते हुए हस्तक्षेप का सुदृढ़ रोडमैप तैयार करेगा, कार्यक्रम कार्यान्वयन का ढांचा विकसित करेगा और निगरानी एवं अन्वेषण व्यवस्था कायम करेगा। इसके अंतर्गत संस्थागत उपायों के जरिए राज्यों की विभिन्न प्रकार की सहायता की जाएगी।
नीति आयोग ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आमंत्रित किया था, जिनमें से 14 राज्यों ने अपने प्रेजेंटेशन किए, जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, गोआ, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिसा, पंजाब, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों ने अपने परियोजना प्रस्ताव नीति आयोग के सदस्य श्री विवेक देबराय की अध्यक्षता वाली एक समिति के समक्ष प्रस्तुत किए।
इन 14 राज्यों में से पांच का चयन किया गया है। इनमें से 3 राज्यों का चयन अंतिम रूप से किया जाना है, जिनमें यह कार्यक्रम लागू किया जाएगा। राज्यों का अंतिम चयन विभिन्न स्वास्थ्य मानदंडों जैसे प्रसूति मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, मलेरिया के मामले आदि के आधार पर किया जाएगा।