नई दिल्ली: नीति आयोग ने एक विशिष्ट और नवीन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके अंतर्गत आयोग महत्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्रों में रूपांतरकारी बदलावों को उत्प्रेरित करने में मदद करेगा। एसएटीएच/साथ (सस्टेनेबल एक्शन फॉर ट्रासफोर्मिंग ह्युमन कैपिटल) यानी मानव पूंजी को रूपांतरित करने के लिए स्थायी कार्रवाई, के अंतर्गत, नीति आयोग और इसके ज्ञान संबंधी भागीदार प्रत्येक क्षेत्र के लिए तीन राज्यों को कार्यनीतिक, तकनीकी और कार्यान्वयन संबंधी जानकारी हासिल करने में मदद करेंगे। इस बारे में नीति आयोग की एक समिति ने 14 राज्यों के प्रतिवेदनों का पुनरीक्षण किया ताकि प्रत्येक दो सामाजिक क्षेत्रों में मदद के लिए उनका चयन किया जा सके। समिति में नीति आयोग के सदस्य श्री बिबेक देबराय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत, नीति आयोग के परामर्शदाता और स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति की बैठक में दो दिन तक विचार-विमर्श किया गया। राज्यों ने इन क्षेत्रों में अब तक किए गए उपायों और सुधार लाने की इच्छा ज़ाहिर की और कार्यक्रम के अंतर्गत नीति आयोग द्वारा प्रस्तावित नीतिगत सहायता प्रदान किए जाने के बारे में अपना-अपना पक्ष रखा।
नीति आयोग ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए यह निर्णय किया कि वह एक समयबद्ध और परिणामोन्मुखी प्रक्रिया के ज़रिए राज्यों की मदद करने के गंभीर प्रयास करेगा। राज्यों के अंतिम चयन के बाद एक कार्यक्रम प्रबंधन एकांश 36 महीने के लिए राज्य स्तर पर तैनात की जायेगी ताकि सरकारी ढांचे और सेवा वितरण क्षेत्र में सक्षमता और प्रभावोत्पादकता बढ़ायी जा सके।
स्वास्थ्य क्षेत्र में पांच राज्यों को संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है, जिनमें से तीन राज्यों को अंतिम रूप से चुना जाना है। ये हैं-उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, कर्नाटक और गुजरात। इसी प्रकार शिक्षा क्षेत्र में संक्षिप्त सूची में शामिल राज्यों में मध्य प्रदेश, ओडिसा, छत्तीसगढ़, झारखंड और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। इन दोनों क्षेत्रों में राज्यों को समयबद्ध रूप में ध्यान संकेन्द्रित करने, प्रशासनिक सुधारों और अंतिम परिणामों को मूर्त रूप देने का वायदा करना होगा, ताकि अंतिम रूप से उनका चयन किया जा सके।
6 comments