नई दिल्ली: नोटबंदी पर मोदी सरकार के तमाम दावों के बीच चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है. अप्रैल से जून पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारी गिरावट आई है. इस दौरान जीडीपी घटकर 5.7 फीसदी तक पहुंच गई. पिछले तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी थी. यह इसका तीन साल का निचला स्तर है.
विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती के बीच लगातार तीसरी तिमाही में नोटबंदी का असर दिखाई दिया. इससे पिछली तिमाही (जनवरी से मार्च) में जीडीपी की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी. 2016-17 की पहली तिमाही की संशोधित वृद्धि दर 7.9 फीसदी थी.
केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से जून के बीच पहली तिमाही में विकास दर धीमी रही. इस दौरान ये 5.7 फीसदी पर सिमट गई. पिछली तिमाही में जीडीपी 6.1 फीसदी थी. इसके लिए नोटबंदी को ही जिम्मेदार माना गया था.
यानि पिछली तिमाही के मुकाबले जीडीपी में 0.4 फीसदी की कमी आई है. जीडीपी विकास दर के आंकड़े ऐसे समय में आए हैं, जब नोटबंदी पर आरबीआई की रपट पर संग्राम जारी है. कांग्रेस ने इसे लेकर फिर से सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने इसे देश के साथ धोखा करार दिया है.