नई दिल्ली: भारत और ब्रिटेन, दोनो देशों के वित्त मंत्रियों ने इस बात पर विचार किया
कि ब्रिटेन में अनुच्छेद 50 के लागू किए जाने के बावजूद, भारत और ब्रिट्रेन किस तरह मौजूदा आर्थिक भागीदारी को और मजबूत करने के लिए मिल कर काम कर सकते हैं, ताकि नवम्बर 2016 में ब्रिटेन की प्रधान मंत्री सुश्री मे की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा तय की गई भारत-ब्रिटेन महत्वपूर्ण साझेदारी को मूर्त रूप देने के लिए परस्पर व्यापार और निवेश बढ़ाया जा सके।
भारत और ब्रिटेन इस बात से सहमत हैं कि वैश्विकरण का विश्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, और दोनों देश मुक्त बाज़ारों और मुक्त व्यापार के पक्षधर हैं। दोनों देश जी-20, आईएमएफ, विश्व बैंक और अन्य बहुराष्ट्रीय निकायों में सहयोग सुदृढ़ करने के लिए मिल कर काम करने का वायदा करते हैं।
भारत और ब्रिट्रेन ने सहमति व्यक्त की है कि वे ‘भारत-ब्रिट्रेन आर्थिक नीति एवं समृद्धि साझेदारी’ (ईपीपीपी) सहित, आर्थिक ज्ञान और विशेषज्ञता साझा करते रहेंगे।
भारत और ब्रिट्रेन के बीच व्यापार और निवेश बढ़ रहा है और दोनों देश इस बात की पुष्टि करते हैं कि विदेशी निवेशक के साथ एक-दूसरे देश में कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा।
दोनों देशों ने तय किया कि अगली वार्ता 2018 में लंदन में आयोजित की जायेगी।
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