अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो चाहते हैं कि न्यूयॉर्क के संदिग्ध हमलावर को मौत की सज़ा मिले. इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि न्यूयॉर्क के ट्रक हमलावर सैफ़ुल्लो साइपोव को ग्वांतानामो जेल भेजा जाएगा, लेकिन अब ट्रंप इससे ये कहते हुए पीछे हट गए हैं कि, “इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लगेगा.”
संदिग्ध हमलावार ने पुलिस को बताया कि न्यूयॉर्क पर हमला कर ‘उसे अच्छा लगा’ और वो अधिक से अधिक लोगों को मारना चाहता था. बुधवार को हुए हमले में आठ लोगों की मौत हो गई थी और 11 अन्य घायल हो गए थे.
मरने वालों में पाँच लोग अर्जेंटीना के थे, जो न्यूयॉर्क में अपनी ग्रेजुएशन के 30 साल पूरे होने का जश्न मनाने यहाँ आए थे. इसके अलावा मरने वालों में एक बेल्जियम की महिला और दो अमरीकी नागरिक भी शामिल हैं.
पुलिस का कहना है कि न्यूयॉर्क का ट्रक हमलावर कथित इस्लामिक स्टेट से प्रभावित था. अमरीकी अभियोजकों ने न्यूयॉर्क के साइपोव पर आतंक फैलाने का आरोप लगाया है. साइपोव के ख़िलाफ़ कथित इस्लामिक स्टेट के लिए संसाधन जुटाने का भी आरोप तय किया गया है.
न्यूयॉर्कः ‘मेरे सामने ही ट्रक ने दो लोगों को रौंदा’
न्यूयॉर्क हमलाः अब तक क्या हुआ
कौन है हमलावर?
फ़रवरी 1988 में पैदा हुए ग्रीन कार्ड धारक सैफ़ुल्लो साइपोव ओहायो, फ्लोरिडा और न्यूजर्सी में रह चुके हैं.
अमरीका में रह रहे उज़्बेक मूल के ब्लॉगर और धार्मिक कार्यकर्ता मिराख़मत मुमीनोव ने बीबीसी को बताया है कि साइपोफ़ तीन बच्चों के पिता हैं.
मुमीनोव के मुताबिक अमरीका आने के बाद साइपोव का झुकाव इंटरनेट के ज़रिए कट्टरपंथ की ओर हो गया था. साइपोव के अमरीका आने के बाद दोनों की मुलाक़ात ओहायो में हुई थी.
मुमीनोव बताते हैं, “वो बहुत ज़्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं और अमरीका आने से पहले उन्हें क़ुरान के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी. जब वो यहां थे तो सामान्य व्यक्ति थे.”
मुमीनोव कहते हैं कि जब साइपोव को ड्राइवर के रूप में काम नहीं मिला तो वो काफ़ी परेशान हो गए और अवसाद में चले गए. काम न मिलने की वजह से उन्हें गुस्सा भी था.
मुमीनोव बताते हैं, “अपने कट्टरंपथी विचारों की वजह से वो अकसर अन्य उज़्बेक लोगों से बहस करते थे और बाद में फ्लोरिडा चले गए थे.” इसके बाद दोनों का संपर्क टूट गया.
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