गुवाहाटी: एनआरसी को लेकर लगातार सफाई देने की मुद्रा में आई प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को फिर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। हालांकि इस बार प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने यह राज भी जताई कि ग्राम पंचायतों से हासिल प्रमाण पत्र नागरिकता के सुबूत नहीं माने जा सकते।
बोरा के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और नेता विधायक दल देवब्रत सइकिया पहले ही एनआरसी पर कांग्रेस की स्थिति साफ कर चुके हैं। लेकिन निहित राजनीतिक लाभ के लिए कांग्रेस को विदेशियों का हितचिंतक ठहराए जाने की साजिश हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि आसू सहित राज्य के सभी जातीय संगठन और कांग्रेस, भाजपा, एआईयूडीएफ, अगप, वामपंथी आदि केवल भारतीय नागरिकों को ही एनआरसी में शामिल करने की बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे मानते हैं कि ग्राम पंचायतों से हासिल प्रमाणपत्रों को नागरिकता प्रमाणपत्र नहीं माना जा सकता। वैसे कागजात केवल लिंकेज-प्रमाण हैं। वे लिंक जोड़ते हैं कि फलां विवाहिता महिला फलां भारतीय नागरिक की पुत्री हैं।
इसके अलावा पंचायत सचिव अपनी इच्छा से लिंकेज प्रमाण नहीं दे सकता। उसे संबंधित बीडीओ अथवा राजस्व सर्किल अधिकारी की सहमति जरूरी होती है।
डेली न्यूज़