देहरादून: प्रदेश के पंचायती राज, ग्राम्य विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, लघु सिंचाई, एवं गृह मंत्री प्रीतम सिंह ने आज विधान सभा स्थित सभाकक्ष में
पंचायती राज विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली।
उत्तराखण्ड पंचायती राज विधेयक, पंचायती राज विभाग की योजनाओं से सम्बन्धित आय-व्ययक पर चर्चा व अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर मंत्री ने विभागीय अधिकारियों से चर्चा की। बैठक में अधिकारियों द्वारा पंचायत एक्ट को संशोधित और तीनों स्तरों पर पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए समस्त बिन्दुओं से मंत्री को अवगत कराया। अधिकारियों की तैयारी और लाये गये ब्यौरे से विभागीय मंत्री संतुष्ट नहीं हो सके जिस पर अधिकारियों को पूर्ण जानकारियों और त्रुटि रहित कागजों के साथ बुधबार को फिर से बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय और सहयोग कर एक्ट का स्पष्ट प्रारूप तैयार करें।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सम्बन्धित आय-व्यय की जानकारी लेते हुए मंत्री ने पीएमजीएसवाई योजना में सड़कों के निर्माण व बजट के बारे में पूछा। अधिकारियों ने बताया कि वित्त वर्ष 15-16 के लिए एक हजार छियानवे करोड़ के कार्य स्वीकृत हैं, लेकिन फाॅरेस्ट क्लीयरेंस न मिलने के कारण कुछ कार्य अभी पूर्ण नहीं किये जा सके। मंत्री ने कहा कि कालसी चकराता क्षेत्र के डूंगी ,खाटों बनियाला गांवों के मोटर मार्ग विभाग की लापरवाी के चलते लम्बे समय से जर्जर हालत में पड़े है उक्त सड़कों का निर्माण शीघ्र किया जाये। इन्दिरा आवास योजना की समीक्षा करते हुए मंत्री ने अधिकारियों से योजना के लाभार्थियों को नैनीताल व उधमसिंह नगर में भूमि न होने के कारण मकान न बनाये जाने के मामले की पूरी जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने अवगत कराया कि भूमिहीन लाभार्थियों के लिए राज्य सरकार ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली एक समीति के माध्यम से भूमि खरीद कर इन लाभार्थियों को भूमि उपलब्ध करायी जायेगी साथ ही इस भूमि की रजिस्ट्री में छूट प्रदान की गयी है। मंत्री ने मनरेगा योजना की भी समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन मजदूरों का भुगतान गड़बड़ी समय पर व नियमित किया जाये। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि केंद्र से राज्य तक व राज्य सरकार से जिलों में डाक घरों तक पैसा तीव्र गति से ट्राॅंन्सफर हो जाता है, लकिन डाकघरों के आगे की प्रकिया मैनुअली होने के कारण मजदूरों का भुगतान धीमी गति से हो रहा। समाचार पत्र के माध्यम से संज्ञान में आये ठाकुर द्वारा देहरादून में मनरेगा के माध्यम से खडं़जा निर्माण में भुगतान गड़बड़ी सम्बंधी मामलें पर कड़ी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को जांच कर कार्यवाही रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये। आजिविका सहयोग के कार्यो की प्रगति की समीक्षा में अधीकारियों ने वित्तीय प्रगति फरवरी 2015 तक के कार्यो का ब्यौरा प्रस्तुत किया। जिसमें खाद्य सुरक्षा एवं आजीविका वृद्वि, सहभागी जलागम विकास, आजीविका वित्त पोषण, परियोजना प्रबंधन, ज्ञान प्रबंधन, मूल्यांकन एवं अनुश्रवण योजनाओं में स्वीकृत कुल 129.82 करोड़ करोड़ रूपये में से 72.39 रूपये परियोजनाअेां पर खर्च किये जाने की जानकारी दी। मंत्री ने आजीविका के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारी आजीविका फेडरेशन के द्वारा चलाये जा रहे कार्यो से समय समय पर उन्हें अवगत करायें एवं प्रदेश भर में मंत्री के भ्रमण स्थलों पर उपस्थित रह कर वहां के कार्यो की जानकारी अनिवार्य रूप से देंगे। इसके साथ ही राज्य पोषित योजनाओं की प्रगति समीक्षा, आईफैड वाह्य सहायतित योजनाओं की प्रगति समीक्षा, वित्तिय वर्ष 2016-17 के आय-व्ययक पर चर्चा, अधिष्ठान से सम्बन्धित बिन्दु, अन्य महत्वपूर्ण कार्यो की भी समीक्षा की।