केन्द्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास और पेयजल तथा स्वच्छता मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पंचायतें अच्छा काम कर रही हैं। उन्होंने पंचायतों द्वारा प्रशिक्षण की गुणवत्ता और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान और पंचायती राज तथा राज्य ग्रामीण विकास संस्थान को निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायतों के पदाधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के लिए अन्य संस्थानों के साथ समन्वय कायम करना चाहिए। श्री तोमर भोपाल में राज्य पंचायती राज मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
श्री तोमर ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में ग्राम पंचायतों को करीब 2,00,292 करोड़ रुपये का भारी वित्तीय हस्तांतरण किया गया है। चौदवें वित्त आयोग के निर्णय के अनुसार हाल के वर्षों में स्वच्छता, नागरिक सुविधाओं आदि के क्षेत्रों में पंचायतों के जरिये सार्वजनिक खर्च में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। उन्होंने लोगों की भागीदारी के महत्व बताते हुए सलाह दी कि पंचायतों को गरीबी, सामाजिक मुद्दों और संवेदनशील समूहों की जरूरतों को पूरा करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। हालांकि ग्राम पंचायतों के स्थानीय नेतृत्व के जरिये अनेक गांव पानी की उपलब्धता, कनेक्टीविटी, खुले में शौच, सभी के लिए शिक्षा जैसी कठिन समस्याओं का समाधान करने में सफल रहे हैं और उन्होंने संवेदनशील समूहों के गरीब लोगों के जीवन में जबरदस्त बदलाव किया है। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने के लिए राज्य के पंचायती राज मंत्रियों को धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि उनके सभी सुझावों पर विचार किया जाएगा।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश द्वारा की गयी प्रगति को उजागर किया और सम्मेलन भोपाल में आयोजित करने के लिए श्री नरेन्द्र सिंह तोमर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पंचायतों के जरिए किये जाने वाले फैसले हमेशा उपयोगी रहते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि वे स्वयं सम्बद्ध साझेदारों के साथ पंचायतें करके विभिन्न योजनाओं के संबंद्ध में फैसले लेते हैं।
दस राज्यों के पंचायती राज मंत्रियों ने सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपने अनुभव बांटे और पंचायती राज प्रणाली के भविष्य में विकास के लिए सुझाव दिये। सम्मेलन में देश के विभिन्न भागों से आये पंचायतों के 40 से अधिक सरपंचों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
सम्मेलन के दौरान जल संरक्षण, नये भारत के लिए स्मार्ट गांव और स्थायी विकास के लक्ष्य को हासिल करने में पंचायतों की भूमिका विषयों पर चर्चा की गयी। इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय द्वारा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों का विमोचन किया गया। इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय, यूनीसेफ और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की सामूहिक परियोजनाओं के अंतगर्त प्रकाशित 20 पुस्तकों के एक सेट का विमोचन भी किया गया।
केन्द्रीय पंचायत राज और कृषि तथा किसानों के कल्याण राज्य मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला, पंचायती राज मंत्रालय में सचिव जितेन्द्र शंकर माथुर और मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह ने मौजूद प्रतिनिधियों को संबोधित किया। दस राज्यों के पंचायती राज मंत्री, राज्यों के पंचायती राज विभाग के प्रभारी अधिकारी, राष्ट्रीय ग्रामीण और विकास और पंचायती राज संस्थान के प्रतिनिधि, राज्य ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक और विभागीय सदस्य, सामाजिक क्षेत्र मंत्रालयों के अधिकारी. यूएनडीपी, यूनीसेफ, इस क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रमुख एनजीओ के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने सम्मेलन में भाग लिया।