हर पत्नी के पालन-पोषण, खाने-पीने, रहने तथा अन्य सारे जायज खर्चे की जिम्मेदारी केवल पति पर ही है। यदि कोई भी पति इस कानून का पालन नहीं करता तो उसकी पत्नी आदलत में जाकर अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकती है।
यदि किसी औरत के पति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके रहन-सहन का सारा खर्च लडका देग। वैध अथवा अवैध संतान जब तक बालिग नहीं हो जाती वह आपने खाने-पीने और अन्य खर्च के लिए माँ-बाप से ले सकते है। यदि कोई संतान या बुढे माँ-बाप गैर शादी शुदा लडकी, इन सबके गुजरे के खर्च की पूरी जिम्मेदारी लडके पर हो गई। यदि कोई लडका इस कानून का पालन नहीं करता तो धारा 125 (ह.प.्रस.) के अन्तर्गत अदालत में जाया जा सकता है।