लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि अन्त्योदय के प्रणेता पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी ने अपने चिन्तन में समाज के अन्तिम व्यक्ति के उत्थान के लिए जिन मूल्यों को 5 दशक पहले हमारे समक्ष रखा था, राज्य सरकार आज उन्हीं पर आगे बढ़ रही है। अन्त्योदय ऐसी अवधारणा है जो अपनी शाश्वतता को सदैव बनाये रखेगी। जिस समय पं0 उपाध्याय जी ने अपनी यह अवधारणा समाज के सामने प्रस्तुत की, उस समय देशवासियों के सामने विभिन्न विचारधाराएं प्रस्तुत कर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गयी थी।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां के0जी0एम0यू0 के कन्वेन्शन सेण्टर में आयोजित ‘केशव संवाद’ पत्रिका के ‘अन्त्योदय की ओर’ विशेषांक के विमोचन के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा जो जन-धन योजना लागू की गयी है, वह अन्त्योदय का एक बेमिसाल नमूना है। जिस गरीब का पहले खाता नहीं खुल पाता था आज इस योजना के तहत 25 करोड़ ज़ीरो बैलेंस खाते खोले जा चुके हैं। इसका लाभ अब गरीबों को मिल रहा है। आज देश में लगभग 45 करोड़ खाते हैं, जिनमें से 25 करोड़ वर्तमान केन्द्र सरकार के कार्यकाल के दौरान खोले गये हैं।
योगी जी ने कहा कि पहले किसी दैवी आपदा से प्रभावित होने पर गरीबों को 800, 900 या 1000 रुपये के चेक सहायतास्वरूप दिये जाते थे और जब वह बैंक में खाता खुलवाने जाता था तो उससे 1000 रुपये से खाता खोलने की बात कही जाती थी। जन-धन योजना ने आज स्थिति पूरी तरह से बदल दी है। यह कार्य पहले भी किया जा सकता था, परन्तु पिछली सरकारों ने इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया। इस योजना को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री जी बधाई के पात्र हैं। उनके नेतृत्व में आज वातावरण को युगानुकूल और लोगों के अनुकूल बनाने का काम चल रहा है। जन-धन योजना का लाभ गरीबों को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनवाये जाने हैं। इस योजना के तहत उन्हें सब्सिडी उपलब्ध करायी जानी है। जन-धन योजना के तहत खोले गये खातों में यह सब्सिडी आज सीधे अन्तरित की जा रही है और लाभार्थी को पूरा लाभ मिल रहा है। पहले बिचैलिये इस सब्सिडी में से काफी बड़ा हिस्सा हड़प जाते थे। इस योजना ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगा दी है।
इतिहास अध्ययन पर बोलते हुए योगी जी ने कहा कि सन् 1947 में देश आजाद हुआ, अब यह इतिहास है। उससे 200 साल पहले देश की क्या स्थिति थी यह भी जानना आवश्यक है। विदेशी आक्रान्ताओं ने किस तरह से देश को लूटा यह भी जानना जरूरी है। इतिहास से लोगों को अतीत के सुखद और दुःखद दोनों पक्षों का पता लगता है। सुखद पक्ष अच्छे होते हैं, जबकि दुःखद पक्षों से हम सबको सीख लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय व डाॅ0 राम मनोहर लोहिया, दोनों ही महान विचारक थे। उनका मानना था कि राम और कृष्ण ने भारत को एक सूत्र से जोड़ा। मर्यादा पुरुषोत्तम राम और भगवान श्रीकृष्ण पर हमें गर्व होना चाहिए। इन्होंने उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक पूरे भारत को जोड़ने का काम किया।
योगी जी ने कहा कि यह अत्यन्त चिन्ताजनक है कि लोग न्यायालय के निर्णय का पालन नहीं करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट और एन0जी0टी0 ने मानक तय करते हुए यह निर्देश दिये थे कि जो बूचड़खाने मानकों को पूरा न करते हों उन्हें तुरन्त बन्द कर दिया जाए, परन्तु पिछली सरकारों ने इस निर्णय को सख्ती से लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी, जिसके चलते तमाम अवैध बूचड़खाने खुल गये। 19 मार्च, 2017 को वर्तमान सरकार का गठन होते ही 48 घण्टे में अवैध बूचड़खानों को बन्द करने के निर्देश दिये गये, ताकि सुप्रीम कोर्ट और एन0जी0टी0 के निर्देशों का पालन हो सके। यह निर्णय पूरे प्रदेश में सख्ती से लागू किये गये।
कांवड़ यात्रा के विषय में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष गाजियाबाद से हरिद्वार तक लगभग 4 करोड़ कांवड़ियों ने यात्रा की। राज्य सरकार ने कांवड़ यात्रा पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया और न ही कोई अप्रिय घटना घटित हुई। पं0 दीन दयाल उपाध्याय और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जैसे महानुभावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों का धर्म पर स्पष्ट मत था। लोकमान्य तिलक ने कहा था कि भारत विपरीत परिस्थितियों में भी इसलिए टिका है क्योंकि इसका आधार धर्म है और वह अत्यन्त मजबूत है। उन्हीं की पहल पर पूरे देश में आज गणेश महोत्सव मनाया जाता है। धर्म के अनुपालन में कानून का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। इस वर्ष पुलिस विभाग द्वारा जन्माष्टमी मनाये जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह उत्सव पूरी शालीनता के साथ मनाया गया।
योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार बनते ही 86 लाख सीमान्त और लघु किसानों के फसली ऋण माफ किये गये। इसका बोझ जनता के ऊपर नहीं डाला गया, बल्कि भ्रष्टाचार को रोककर और मितव्ययिता के जरिए इस पैसे का इन्तजाम किया गया। राज्य सरकार प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 2 लाख लोगों के लिए आवासों का प्रबन्ध करने जा रही है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना तथा दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज गरीबों के घर में महिलाएं गैस के चूल्हे पर खाना बना रही हैं और घर बिजली से रौशन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही अच्छे दिन हैं। पिछली सरकारें बड़े-बड़े नारे लगाती थीं, परन्तु उन्होंने गरीबों को बिजली का कनेक्शन देने के लिए कुछ नहीं किया, जबकि वर्तमान सरकार ने अपने छोटे से कार्यकाल में 7 लाख लोगों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अन्त्योदय का यही मतलब है। इसका तात्पर्य गांव के लोगों के उत्थान के विषय में सोचने से है और फिर इसका समाधान करने से है।
नई उद्योग नीति के विषय में योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की ओर निवेश को आकर्षित करने और नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से यह नीति बनायी है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के नौजवान को रोजगार के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्त्योदय के माध्यम से शासन की कार्यपद्धति भ्रष्टाचारमुक्त और समाज सापेक्ष हो पाएगी। हर हाल में गरीब के उत्थान पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। वर्ष 2014 के बाद से देश में समाज सापेक्ष योजनाएं बनना शुरू हुई हैं। जनप्रतिनिधि को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। आज नीति निर्माण में जनता की भी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। केन्द्र सरकार अपनी नीतियों को लागू करने से पहले उसे पब्लिक डोमेन और पोर्टल पर डालती है और जनता के सुझाव लेती है। प्रदेश में भी यही पद्धति अपनायी गयी है। अब इसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।
योगी जी ने कहा कि आजादी से पहले उत्तर प्रदेश का जी0डी0पी0 अधिक था, परन्तु आज उत्तर प्रदेश पिछड़ गया है। इसके लिए पिछली सरकारें जिम्मेदार हैं। पं0 दीन दयाल उपाध्याय का अन्त्योदय गरीबों के उत्थान और समाज में समरसता लाने के लिए आज भी प्रासंगिक है। हमें उनका अनुसरण करना चाहिए।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। आयोजकों की तरफ से मुख्यमंत्री जी को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। मुख्यमंत्री जी ने ‘केशव संवाद’ पत्रिका के विशेषांक का विमोचन भी किया।