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पर्यटन निदेशालय में पर्यटन विभाग में संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज

पर्यटन निदेशालय में पर्यटन विभाग में संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज
उत्तराखंड

देहरादून: प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटन निदेशालय में पर्यटन विभाग में संचालित योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में पर्यटन मंत्री चारधाम की यात्रा और अधिक सुगम बनाने के लिए अवस्थापना सुविधाओं को विस्तार करने पर जोर दिया। उन्होंने बद्रीनाथ में प्रस्तावित आस्था पथ में अक्षम लोगों के लिए व्हीलचीयर का भी प्रस्ताव योजना में रखने के निर्देश दिये तथा चारोंधाम में पहुँच से सम्बन्धित जानकारी का भी अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये।

उन्होंने उत्तराखण्ड के प्राकृतिक उपजों व स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादों को आर्थिकी का मुख्य श्रोत बनाने हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने चारों धाम में प्रसाद में चैलाई के साथ-साथ झंगोरा का भी व्यवसायिक उपयोग करने हेतु कार्ययोजना तैयार करने को कहा। उन्होंने केदारनाथ धाम के लिए अवस्थित बस स्टैंड, गौरीकुण्ड को नाकाफी बताते हुए पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश दिये तथा गौरीकुण्ड में पी0ए0 सिस्टम लगाने के निर्देश, जहां से यात्रियों की आवश्यकता के अनुसार वाहन को बुलाया जा सके। वर्तमान में गौरीकुण्ड में पार्किंग स्थल छोटा होने के कारण तीर्थयात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। पर्यटन मंत्री ने ढाबों की सूची फोन नं0 सहित तैयार करने के निर्देश दिये तथा ढाबों की ग्रेडिंग करने तथा अच्छे ढाबों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये। उन्होंने सहसिक पर्यटन सर्किट में महत्वपूर्ण स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिये तथा केन्द्र को प्रस्तावित की जाने वाली हैरिटेज सर्किट विकास योजना में महाभारत सर्किट योजना से जुड़े घटना स्थलों यथा राजसूय यज्ञ, वृक्ष जहाॅ पाण्डवों ने वनवास के दौरान अस्त्र-शस्त्र छिपाए, लाक्षागृह आदि स्थलों को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का प्रस्ताव योजना में शामिल करने के निर्देश दिये उन्होंने कुमाऊँ मण्डल के भी विभिन्न स्थलों को हैरिटेज सर्किट में शामिल करने के निर्देश देते हुए देहरादून स्थित महाराणाप्रताप स्टेडियम में शीतकालीन खेल यथा स्केटिंग प्रतियोगिताएॅ आयोजन हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने ऐसे पर्यटन स्थल जहाॅं पर चढ़ाई हो, में रोपवे प्रस्तावित करने के भी निर्देश दिये। पर्यटन मंत्री ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी के नाम से पर्यटन स्वरोजगार योजना का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश देते हुए इसे होमस्टे योजना से जोड़ते हुए, शर्तो में शिथिलता प्रदान करने के निर्देश दिये तथा योजना में अनुदान सहित कम ब्याजदर पर ऋण देने के प्रस्ताव योजना में शामिल करने के निर्देश दिये। उन्होंने नन्दा देवी राजजात में वाण से जात्रा में शामिल होने वाले भगवान लाटू देवता के निवास को धाम के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने पण्डित दीनदयाल ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना का भी प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के निर्देश दिये तथा ग्रामीण पर्यटन में पहाड़ी व्यंजनों का अधिकाधिक इस्तेमाल को प्रोत्साहन एवं इसका प्रचार-प्रसार इलेक्ट्राॅनिक मीडिया के माध्यम भी करने के निर्देश दिये। उन्होंने देश के विभिन्न स्थानों में पहाड़ी व्यंजनों के फूड फेस्टिवल आयोजन के निर्देश दिये तथा पूर्व में संचालित हुनर से रोजगार योजना में पर्वतारोहण प्रशिक्षण को भी योजना में शामिल करने के निर्देश दिये। उन्होंने धार्मिक स्थलों यथा सुरकण्डा देवी, हेमकुण्ड साहब, पूर्णागिरी रोपवे निर्माण हेतु निवेशकों का शीघ्र चयन करने के निर्देश दिये।

उन्होंने महत्वपूर्ण स्थलों यथा वाण से बेदनी बुग्याल, माॅ बूंगी देवी से हल्दूखाल, डीडीहाट से श्रीकोट मन्दिर, धारचूला से धारचूला कोट, गोयी बरनाला से दयारा बुग्याल, रानीबाग से नैनीताल, कालाढूंगी से नैनीताल, आली बुग्याल, खलियाटाॅप से मुन्सयारी, पंचकोटी से नयी टिहरी, पुरूकुल हाथी पांव में रोपवे की टी0ई0एफ0एस0(तकनीकि आर्थिक उपादेयता अध्ययन) का कार्य शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिये।
बैठक में सचिव पर्यटन शैलेश बगोली, अपर सचिव सुश्री ईवा श्रीवास्तव, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी निदेशक संस्कृति विभाग सुश्री बीना भट्ट सहित पर्यटन एवं संस्कृति से जुड़े अधिकारी मौजूद थे।

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