लखनऊ: पर्यटन मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने गोमतीनगर स्थित पर्यटन निदेशालय के सभागार में पर्यटन की परियोजनागत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं की भौतिक प्रगति में तेजी लाकर कार्यों को पूरा किया जाये। कार्य प्रगति की वास्तवित स्थिति समझने के लिए उन्होंने परियोजनावार फाइले बनाने को कहा तथा निर्देश दिया कि कार्यदायी संस्था के कार्यों की प्रगति का अवलोकन किया जाये। कम समय में पूरा हो सकने वाले कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर रखा जाये। वर्ष 2019 में कुम्भ के दृष्टिगत सौन्दर्यीकरण के कार्यों को शीघ्रता से किया जाये। प्रो0 जोशी ने कहा कि वे स्वयं दौरा कर परियोजनाओं की भौतिक प्रगति का जायजा लेंगी।
प्रो0 जोशी ने रामायण परिपथ के अंतर्गत चित्रकूट पर्यटन विकास की दस परियोजनाओं, श्रृंगवेरपुर की चार परियोजनाओं, अयोध्या की सात परियोजनाओं, बौद्ध परिपथ के अंतर्गत कुशीनगर की चार परियोजनाओं, कपिलवस्तु की चार परियोजनाओं, श्रावस्ती की दस परियोजनाओं, वाराणसी के समेकित पर्यटन विकास के तहत प्रसाद योजना में नौ परियोजनाओं तथा प्रासाद योजना में ही मथुरा के समेकित पर्यटन विकास की पांच परियोजनाओं की अद्यतन जानकारी ली और कार्यों को जमीनी स्तर पर यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये।
बैठक में महानिदेशक पर्यटन श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कार्यदायी संस्था के उल्लेख के साथ योजनाओं की मासिक प्रगति प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यदायी संस्थाओं को समय सीमा देकर कार्यपूर्ति करायी जाये। उन्होंने कहा कार्य प्रगति अंकित करते समय निर्माण कार्यों की प्रगति प्रतिशत में अंकित की जाये। महानिदेशक पर्यटन ने बैठक में ‘‘यू0पी0 नहीं देखा तो इण्डिया नहीं देखा’’ के विविधता वाले लोगो तथा ‘कुम्भ’ के चिकनकारी वाले लोगो के तैयार किए गए कार्यों पर पर्यटन मंत्री की राय लेकर अग्रिम कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान पर्यटन के क्षेत्र में निवेशकों के प्राप्त प्रस्तावों पर विभाग की कार्यवाही के विस्तृत विवरण से पर्यटन मंत्री को अवगत कराया।
पर्यटन मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी की अध्यक्षता में तथा महानिदेशक पर्यटन श्री अवनीश कुमार अवस्थी के तत्वावधान में सम्पन्न बैठक में संयुक्त निदेशक पर्यटन श्री पी0के0 सिंह, उप निदेशक पर्यटन श्री अनूप श्रीवास्तव, जनरल मैनेजर राजकीय निर्माण निगम सहित समस्त सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।