नई दिल्ली: पर्यटन अपने आप में ही एक उत्सव है। पर्यटन पर्व, त्यौहारी सीजन में पूरे देश में पर्यटन का आयोजन करता है। पर्वों का पर्व, पर्यटन पर्व, दिवाली सप्ताह में प्रवेश कर रहा है। पूरे देश में त्यौहारी माहौल, पर्यटन पर्व के पहले से मौजूद रंगों में प्रकाश और रंगों की चमक का समावेश करता है।
भारत में, उत्सव बहुरंगी चित्रकार की पटिया है, जिसकी दुनिया में कहीं कोई तुलना नहीं है। एक राष्ट्र के रूप हम मात्र तारीख नहीं, बल्कि आनन्ददायक रंगों का कैलेंडर हैं। देश में जीवन त्यौहारों के ऊंचे झूले की तरह है। प्रत्येक पखवाड़े या प्रत्येक माह में एक नया त्यौहार मनाया जाता है। हर राज्य के अपने उत्सव हैं और हर मौसम नये उत्सवों के लिए समर्पित रहता है। ऐसा लगता है मानो पूरा देश पूरे साल त्यौहार की उम्मीद और तैयारी में जीता है।
त्यौहार समृद्ध भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग है। कुछ लोग नई फसल का आनन्द मनाते हैं, तो कुछ धार्मिक आस्था और विश्वास का आनंद मनाते है, तो कुछ केवल खुशी का जश्न मनाते है। पर्यटन और त्यौहार हाथ मिलाकर साथ-साथ चलते है। त्यौहार प्रमुख पर्यटन उत्पाद जैसे है, जो पर्यटकों को देश की यात्रा करने के लिए लुभाते हैं। दीवाली का त्यौहार पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसी प्रकार रंगों का त्यौहार होली और राजस्थान का रेगिस्तान महोत्सव देश के अन्य प्रमुख उत्सवों में शामिल हैं। इन उत्सवों ने पूरी दुनिया के यात्रा संबंधी कार्यक्रमों में अपना स्थान बना रखा है। पर्यटन महोत्सव ने पूरे देश में त्यौहारी माहौल बना रखा है।
पर्यटन पर्व का 14वां दिन
पर्यटन पर्व के 14वें दिन की शुरूआत पंजाब सरकार द्वारा भारतीय पर्यटन दिल्ली के सहयोग से अमृतसर में एक साइकिल रैली के आयोजन के साथ हुई। अमृतसर में विरासत यात्रा का आयोजन किया गया और गोविंदगढ़ किले में शिल्प कला और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।
गुजरात राज्य सरकार ने पूरे राज्य में गुजरात के पर्यटन स्थलों रिवर फ्रंट और कंकरिया, अहमदाबाद और पोरबंदर में प्रदर्शनियों का आयोजन तथा द्वारका और सोमनाथ में वन्यजीव पर प्रदर्शनी, सपुतारा में समुद्र तट पर्यटन पर प्रदर्शनी का आयोजन किया। उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार के घाटों पर देव दीपावली का आयोजन किया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने श्री राम के अयोध्या लौटने के अवसर पर दीपावली पर्व का आयोजन किया। केरल सरकार ने वायनाड जिले में निबंध एवं चित्रकारी प्रतियोगिताएं आयोजित की। युवा मामलों के मंत्रालय ने एनवाईकेएस के माध्यम से पश्चिम चंपारण जिले में जिला स्तर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया।
भारतीय पर्यटन कार्यालयों ने आईएचएमएस के साथ मिलकर देश के विभिन्न स्थलों पर संवेदीकरण कार्यक्रमों, नुक्कड़ नाटकों, विरासत यात्राओं और स्थानीय लोगों तथा हितधारकों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया।