नई दिल्ली: नई दिल्ली के जनपथ पर आयोजित ‘पर्यटन पर्व’ के कल हुए समापन समारोह में पर्यटन मंत्रालय की ‘धरोहर गोद ले योजना’ के अंतर्गत 14 स्मारकों के लिए सात कंपनियों को ‘आशय पत्र’ सौंपे गये। ये कंपनियां भविष्य की ‘स्मारक मित्र’ होगी, जिनकी सीएसआर गतिविधियों पर हमें गर्व है।
अंतर मंत्री स्तरीय निगरानी और दूरदर्शी समिति के सदस्यों ने शुरूआती चरण में प्रतिष्ठित संगठनों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया की सराहना की, जिसमें सत्तावन (57) प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई और सात (7) अभिरूचि व्यक्त करने के जरिये चौदह (14) स्मारकों का चयन किया गया। विस्तृत जांच के बाद स्मारक मित्र चुनने के लिए आतिथ्य, यात्रा और बैंकिंग उद्योग की निम्नलिखित कंपनियों का चयन किया गया :-
- दिल्ली स्थित जंतर-मंतर को गोद लेने के लिए एसबीआई फाउंडेशन का चयन किया गया।
- कोणार्क का सूर्य मंदिर, भुवनेश्वर का राजा रानी मंदिर, जयपुर और ओडिशा के रत्नागिरी स्मारक को गोद लेने के लिए टी के इंटरनेशनल लिमिटेड को चुना गया।
- कर्नाटक के हम्पी, जम्मू-कश्मीर के लेह पेलेस, दिल्ली का कुतुब मीनार, महाराष्ट्र की अजंता गुफा को गोद लेने के लिए यात्रा ऑनलाइन प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया गया।
- कोच्चि के मत्तानचेरी पेलेस संग्रहालय और दिल्ली का सफदरजंग मकबरा गोद लेने के लिए ट्रेवल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को चुना गया।
- गंगोत्री मंदिर क्षेत्र और गोमुख तक के मार्ग और जम्मू कश्मीर के माउंट स्टोककांगरी, लद्दाख को गोद लेने के लिए एडवेन्चर टूर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया का चयन किया गया।
- दिल्ली की अग्रसेन की बावड़ी को गोद लेने के लिए स्पेशल होलीडेज ट्रेवल प्राइवेट लिमिटेड, का चयन दिल्ली के रोटरी क्लब के साथ किया गया।
- दिल्ली के पुराने किले को गोद लेने के लिए एनबीसीसी को चुना गया।
विश्व पर्यटन दिवस अर्थात् 27 सितम्बर, 2017 को राष्ट्रपति ने पर्यटन मंत्रालय की ‘एक धरोहर गोद ले योजना’ का शुभारंभ किया था। इसके बाद पर्यटन मंत्रालय ने निजी, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और कॉरपोरेट जगत के व्यक्तियों को स्मारक स्थलों को गोद लेने और संरक्षण तथा विकास के माध्यम से स्मारकों और पर्यटन स्थलों को स्थायी बनाने का दायित्व निभाने के लिए आमंत्रित किया था। यह योजना संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहयोग से पर्यटन मंत्रालय का असाधारण प्रयास है। इसके जरिये देशभर के स्मारकों, धरोहरों और पर्यटन स्थलों को विकसित कर पर्यटक अनुकूल बनाने के लिए योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से पर्यटन संभावना तथा सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाना है। भारत अपने समृद्ध और विविध सांस्कृतिक तथा प्राकृतिक स्मारकों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है।
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