पर्यटन मंत्रालय ने आज नई दिल्ली में आयुष सुविधाओं के लिए दिशा-निर्देशों पर सार-संग्रह जारी किया। पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय मेडिकल और वेलनैस पर्यटन बोर्ड चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन के विभिन्न सेवा प्रदात्ताओं द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का मानक वैश्विक रूप से स्वीकार मानकों के आधार पर करने की आवश्यकता पर बल देता आ रहा है। पर्यटन मंत्रालय का निरंतर प्रयास सेवा गुणवत्ता में उत्कृष्टता के लिए मानकों को हासिल करने वाले संस्थानों और प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने पर रहा है। उद्योग तथा पर्यटन मंत्रालय सहित हितधारकों की मांग पर अस्पतालों तथा सेवा प्रदात्ताओं के लिए बना राष्ट्रीय एक्रेडिटेएशन बोर्ड (एनएबीएच) देश में आयुष सुविधाओं के लिए मान्यता मानक और दिशा-निर्देश तय किय हैं। इसमें पर्यटकों द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले वेलनेस सेंटर और पंचकर्म क्लीनिक शामिल है। सार-संग्रह में निम्नलिखित सुविधाओं के लिए मान्यता शामिल है।
- आर्युवेद अस्पताल
- योग तथा नेचुरोपैथी अस्पताल
- यूनानी अस्पताल
- सिद्ध अस्पताल
- होम्योपैथी अस्पताल
- पंचकर्म क्लीनिक
- वेलनेस सेंटर
पर्यटन मंत्री ने कहा कि वैश्विक मानकों के अनुरूप मान्यता से उद्योग को समान सेवा गुणवत्ता प्रदान करने में मदद मिलेगी। पर्यटन मंत्रालय राष्ट्रीय अस्पताल एक्रेडिटेएशन बोर्ड (एनएबीएच) द्वारा मान्य अस्पतालों जैसे वेलनैस पर्यटन सेवा प्रदाताओं तथा मेडिकल पर्यटन सुविधा प्रदाताओं (ट्रैवल एजेंट/मेडिकल पर्यटन में शामिल और भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत टूर ऑपरेटर) को बाजार विकास सहायता (एमडीए) उपलब्ध कराता है। मान्यता प्राप्त सेवा प्रदाताओं की सूची पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट और अतुल्य भारत अभियान में है। इससे संभावित आगुंतकों को मान्यता प्राप्त संस्थानों के बारे में जानकारी मिलेगी। मान्यता संबंधी मानक का विस्तृत विवरण पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट www.incredibleindia.org. पर है।
पूरी दुनिया में जीवन शैली संबंधी बीमारियों के कारण समग्र और वैकल्पिक स्वास्थ्य प्रणालियों की लोकप्रियता बढ़ रही है। भारत की आर्युवेद और सिद्ध प्रणाली की समृद्ध परंपरा रही है और योग अभ्यास से शरीर, मन और आत्मा को शांति मिलती है। यूनानी और होम्योपैथी को भी भारत में लोकप्रियता मिली है। भारत परंपरागत रूप से शरीर, मन और आत्मा की कायाकल्प के लिए आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है। भारत यूनानी, सिद्ध तथा होम्योपैथी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों के लिए भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। आज यात्रा में सुलभता के कारण बेहतर जीवन और वैकल्पिक स्वास्थ्य सुविधाओं की खोज में लोग यात्रा करते है। 2017 तक विश्व का वेलनेस पर्यटन उद्योग 678 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
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