नई दिल्ली: पर्यावरण मंत्रालय ने आज 3 राज्यों में जलवायु परिवर्तन अनुकूलनता के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी। राजस्थान, गुजरात और सिक्किम द्वारा वित्त पोषण के लिए प्रस्तुत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव श्री अजेय नारायण झा की अध्यक्षता में जलवायु परिवर्तन की राष्ट्रीय संचालन समिति (एनएएफसीसी) ने मंजूरी दी।
वर्तमान परियोजनाओं में राज्यों में जलवायु परिवर्तन के संबंध में कई खामियां मौजूद हैं जिन्हें केन्द्रीय और राज्य सरकारों के तहत चल रही परियोजनाओं के तहत दूर नहीं किया गया है। राजस्थान के गावों को उनकी जल संबंधी जरूरतों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर गांवों की अनुकूली क्षमता बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री जल स्वालंबन के पहले चरण के अधीन किये गये कार्य के आधार पर तैयार किया गया है। यह परियोजना गुजरात के कच्छ जिले के लक्षित गांवों में जलवायु परिवर्तन के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर समुदायों की अनुकूली क्षमता बढ़ाने के लिए है। सिक्किम में परियोजना का उद्देश्य जल सुरक्षा के मुद्दे से निपटना है जिनकी एसएपीसीसी के अधीन जलवायु लचीलापन निर्माण प्रयासों के रूप में प्रत्यक्ष तौर पर पहचान की गई है।
एनएएफसीसी भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो राज्य सरकारों को जलवायु परिवर्तन अनुकूलन परियोजनाओं को लागू करने के लिए 100 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराती है। इस योजना को जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) के उद्देश्यों को पूरा करने और जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजनाओं (एसएपीसीसी) को संचालित करने के लिए तैयार किया गया है। दो वर्ष की अवधि के दौरान, 435.72 करोड़ रूपये की कुल लागत की 21 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। इन परियोजनाओं में कृषि, पशुपालन, जल, वन और तटीय क्षेत्रों में जलवायु की संवेदनशीलता की कमियों से निपटने के प्रावधान हैं। इन परियोजना के परिणामों से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के विरूद्ध कमजोर समुदायों की अनुकूली क्षमता और लचीलापन में वृद्धि होने की उम्मीद है।
भारत सरकार राज्य सरकारों को जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध लचीलापन विकसित करने के लिए अभिनव और मापनीय परियोजनाओं के साथ आगे आने और इन्हें योजना प्रक्रियाओं की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
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