देहरादून: प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती रेखा आर्या की अध्यक्षता में विधान सभा स्थित सभाकक्ष में पशुपालन एवं पशुकल्याण बोर्ड/आयोग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में श्रीमती रेखा आर्या ने अल्मोड़ा में स्थित भैंसवाडा़ फार्म में पशुपालन प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना, 13 चारा बैंक स्थापना, चम्पावत में नरियाल गांव में बदरी गाय परियोजना में प्रयोगशाला स्थापन, कम पानी वाले चारा उत्पादन की योजना जैसे अनेक महत्वपूर्ण निर्देश दिये। उन्होंने शीरे की वार्षिक खरीद के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गन्ना एवं आबकारी विभाग के साथ बैठक कर कोटा तय कराने के निर्देश दिये।
श्रीमती आर्या ने भैंसवाड़ा(अल्मोड़ा) स्थित फार्म में प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना के लिए योजना बनाने के निर्देश देते हुए सचिव पशुपालन से कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने में पशुओं को उनके डेरे में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वेटनरी एंम्बुलेंस संचालित करने तथा टोल फ्री नम्बर शुरू कराने के निर्देश दिये। सर्वप्रथम अल्मोड़ा में योजना शुरू होगी। इस सम्बन्ध में सचिव वित्त को धनराशि स्वीकृत करने के दूरभाष पर निर्देश दिये। पशुपालन मंत्री ने पशुपालकों को पर्याप्त मात्रा में चारा उपलब्ध कराने के लिए 13 और चारा बैंक स्थापित करने के निर्देश दिये। ज्ञातव्य है कि वर्तमान में 108 चारा बैंक संचालित हैं। उन्होंने चारा वितरण की भी निरन्तर माॅनिटरिंग कराने के निर्देश दिये। उन्होंने गाय के दूध में वृद्धि के लिए आवश्यक काम्पैक्ट फीड ब्लाॅक में उपयोग किये जाने वाले शीरा का कोटा निर्धारण करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शीघ्र बैठक करने के निर्देश सचिव पशुपालन को दिये। श्रीमती आर्या ने निराश्रित गौ वंश के संरक्षण के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक गौ सदन स्थापना के निर्देश दिये। पशुपालन मंत्री ने चम्पावत के नरियाल गाँव में बदरीगाय संवर्धन विषयक परियोजना का प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र को भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में केन्द्रीय पशुधन एव कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से सैद्धान्तिक स्वीकृति भी मिल गई है। उन्होंने परियोजना में गाय के दूध, गौमूत्र की ब्रांडिग तथा गोबर का इस्तेमाल ईधन के रूप में, उन्होंने जैविक दूध की मार्केटिंग के लिए पहाड़ की गायों का दूध सैम्पलिंग कराने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि नेशनल ब्यूरो आॅफ एनिमल जैनेटिक रिसोर्स(एनबीएजीआर) द्वारा यहाँ की गायों की क्षमता का प्रमाणीकरण भी किया जा चुका है। श्रीमती आर्या ने कहा कि स्थानीय प्रजाति की बदरी गाय का दूध, गौमूत्र की ब्राडिंग से यहाॅ के ग्रामीणों का आर्थिक स्तर उठाने के साथ-साथ पलायन रोकने में भी मदद मिलेगी। विशेषकर इन गायों के दूध की अच्छी कीमत का सीधा लाभ महिलाओं को मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति भी उन्नत होगी तथा इन गायों के गोबर को बायोगैस के रूप में इस्तेमाल करने से ईधन की समस्या हल होगी।
उन्होंने भेड़ एवं बकरी का व्यापार कर रहे ग्रामीणों को अच्छा मूल्य दिलाने के लिए कारपोरेशन गठित करने के निर्देश दिये। उन्होंने चतुर्थ वित्त आयोग में गौ सदनों के निर्माण हेतु स्वीकृत 2.5 करोड़ रूपये की धनराशि का शीघ्र उपयोग करने के निर्देश देते हुए प्रदेश में निराश्रित पशुओं के अनुरूप वांछित शरणालय का आंकलन भी करने के निर्देश दिये। पशुपालन मंत्री ने कुक्कुट ईकाई यूनिट स्थापना की योजना मैं विधवा, परित्यक्ता महिलाओं को भी पात्रता में शामिल करने के निर्देश दिये गये हैं। ज्ञातव्य है कि इस वर्ष जिला प्लान में 26450 यूनिट वितरण का लक्ष्य रखा गया है। एक यूनिट में पात्र को 50 कुक्कुट दिये जाते हैं। गत वर्ष योजना में 16 हजार यूनिट का वितरण किया गया था। श्रीमती आर्या ने बकरी पालन एवं गाय पालन योजना में भी विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को पात्रता में लाने के निर्देश दिये। श्रीमती आर्या ने आयोग से चयनित 74 पशुचिकित्साधिकारियों की नियुक्ति शीघ्र करने के निर्देश सचिव पशुपालन आर0 मीनाक्षी सुन्दरम को दिये।
बैठक में सचिव पशुपालन आर0 मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक पशुपालन डाॅ0 एस0 एस0 बिष्ट, मुख्य अधिशासी अधिकारी उत्तराखण्ड लाईवस्टाॅक डेवलपमैंट बोर्ड देहरादून डाॅ0 कमल सिंह, मुख्य अधिशासी अधिकारी सीप एवं ऊल डेवलपमैंट बोर्ड डाॅ0 अविनाश आनन्द, बोर्ड के अन्य पदाधिकारियों एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों मौजूद थे।