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पाकिस्तान ने कुलभूषण की फैमिली को जी भरके किया जलील, यह देखकर खौला सरबजीत की बहन का खून

पाकिस्तान ने कुलभूषण की फैमिली को जी भरके किया जलील, यह देखकर खौला सरबजीत की बहन का खून
देश-विदेश

नई दिल्ली: कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ पाकिस्तान ने जी भरके जलील किया है. भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी से मुलाकात के दौरान भारतीय संस्‍कृति और धार्मिक भावनाओं का ख्‍याल नहीं किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा कि मुलाकात से पहले कुलभूषण जाधव की पत्‍नी और मां की चूडि़यां, बिंदी और मंगलसूत्र उतरवाए गए. उनके कपड़े बदलवाए गए. उनके जूते वापस नहीं हुए. कुलभूषण जाधव के परिवार के साथ पाकिस्तान की इस कारिस्तानी से सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर काफी नाराज हैं. लाहौर जेल में 2013 में मारे गए बहुचर्चित भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर का कहना है कि कुलभूषण जाधव को उनकी पत्नी और मां से मुलाकात के दौरान शीशे की दीवार के आरपार बिठाकर पाकिस्तान ने ‘क्रूर मजाक’ किया. उन्होंने पूरे वाकये को नाटक बताया.

न्यूज एजेंसी ANI के साथ बातचीत में दरबीर कौर ने कहा, ‘ पाकिस्तान वही ड्रामेबाजी कर रहा है जो उसने सरबजीत के साथ किया था. जब हम दोबारा सरबजीत से मिलने गए थे तो वहां के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वे नहीं जानते हैं कि सरबजीत कहां है. इस बार पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से उसकी मां और बहन को सीधे मिलने भी नहीं दिया.’

कौर ने कहा कि मुलाकात में ‘इंसानियत’ का ध्यान नहीं रखा गया. उन्होंने कहा, ‘जब इतनी कड़ी सुरक्षा थी और करीबी परिजनों के बीच शीशे की दीवार थी, तो इसका क्या मतलब रहा.’ पाकिस्तान में चार साल पहले अपने भाई को खो चुकी कौर ने कहा कि वह समझ सकती हैं कि जाधव का परिवार क्या सोच कर वहां गया होगा.
Kulbhushan jadhav

 पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के लिए जानबूझकर गाड़ी देर से मंगवाई गई, ताकि उन्हें मीडिया का सामना करना पड़े. तस्वीर साभार: PTI
उन्होंने कहा, ‘जाधव या उनका परिवार समझा रहे होंगे कि वे मुलाकात करने जा रहे लेकिन असल में इस मुलाकात का कोई मतलब नहीं रहा. उनका परिवार उन्हें गले लगाना चाहता होगा, उनसे बेरोकटोक बात करना चाहता होगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया. ऐसी मुलाकात से उनको क्या तसल्ली मिली होगी.’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने मुलाकात को मानवीय आधार पर दी गयी इजाजत के तौर पर पेश किया, लेकिन उन्हें परिवार को जाधव से निर्बाध मिलने देना चाहिए था .

उन्होंने कहा, ‘लेकिन, हमें पता है कि उनके पास इंसानियत नहीं है. उन्होंने जाधव के परिवार और हमारे देश के लोगों से क्रूर मजाक किया. उन्होंने मुलाकात के नाम पर नाटक रचा, इसे मैं बस ढकोसला कह सकती हूं.’

बदलवाए गए कपड़े?
मुलाकात से पहले और बाद के फोटो में साफ नजर आ रहा है कि इस्लामाबाद पहुंचने के बाद जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए गए थे. मुलाकात से पहले की फोटो में मां ने सफेद रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उन्होंने एक शॉल ली थी, जबकि पत्नी ने लाल-पीले रंग का सूट पहना था और एक शॉल भी ओढ़े हुए थीं. मुलाकात के बाद भी दोनों इन्हीं कपड़ों में नजर आईं लेकिन बंद कमरे में मुलाकात के दौरान दोनों की ही वेशभूषा अलग थी.

सुरक्षा कारणों का हवाला
शीशे की दीवार में मुलाकात के सवाल पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फैजल की ओर से दलील दी गई कि उन्हें पहले ही बता दिया गया था कि सुरक्षा कारणों के चलते शीशे की दीवार के बीच मुलाकात कराई जाएगी. वहीं जाधव को काउंसलर एक्सेस के सवाल पर फैजल ने कहा कि यह काउंसलर एक्सेस नहीं था. यह सिर्फ 30 मिनट की मुलाकात थी, जिसे जाधव के कहने पर 10 मिनट और बढ़ाया गया था.

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कुलभूषण जाधव को कांच की दीवार के आर-पार रखकर मां-पत्नी से मुलाकात कराई गई.  तस्वीर साभार: PTI

जाधव के परिवार का पाकिस्तान ने किया मानसिक उत्पीड़न
इस मुलाकात के तरीके पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मानवीय आधार पर एक मां को अपने बेटे से और एक पत्नी को अपने पति से सीधे तौर पर नहीं मिलने दिया गया. वे आमने-सामने जरूर बैठे थे, लेकिन उनके बीच में शीशे की दीवार थी. तीनों आपस में बात कर सकें. इसके लिए इंटरकॉम का इंतजाम किया गया था. कुलभूषण जाधव की तस्वीरें देखकर कहा जा रहा है कि उन्हें पाकिस्तान में किस तरह प्रताड़ित किया गया है.

जाधव पर पाक ने किया अत्याचार
पिछले साल मार्च में गिरफ्तारी के बाद से जाधव की उनसे यह पहली मुलाकात है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से इस मुलाकात के जारी किए गए वीडियो में खुलासा हुआ है कि कुलभूषण जाधव के साथ वहां अत्याचार हुआ है. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शिपिंग कंटेनर में कुलभूषण जाधव की मुलाकात उनके परिवार से कराई गई. ये भी कहा जा रहा है कि शिपिंग कंटेनर में पर्दे और कैमरे भी लगाए गए थे. इस मुलाकात के वक्त यह शिपिंग कंटेनर किसी ऊंची बिल्डिंग के बेसमेंट में रखा गया था. विशेषज्ञों का कहना है कि शिपिंग कंटेनर में कैदियों को तभी रखा जाता है जब उन्हें प्रताड़ित करना होता है. शिपिंग कंटेनर लोहे की मोटी परत से तैयार किया जाता है. यह बिल्कुल साउंड प्रुफ होता है.

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