हरिद्वार: जम्मू—कश्मीर के उडी सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में मारे गये सेना की गढवाल राइफल्स के हवलदार नरेंद्र सिंह बिष्ट का आज यहां पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बिष्ट के देहरादून जिले के सेलाकुई क्षेत्र में हरिपुर गांव स्थित घर पहुंचे और शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी। रावत शहीद जवान की अंतिम यात्रा में भी शामिल हुए। यहां हरिद्वार के खडखडी स्थित शमशान घाट पर बिष्ट को मुखाग्नि उनके छोटे भाई भूपेंद्र के साथ उनकी दोनों बेटियों ने सामूहिक रूप से दी।
इस मौके पर कई राजनीतिक पार्टियों से जुडे़ लोगों तथा गणमान्य व्यक्तियों के अलावा आम लोग भी मौजूद थे।
रक्षाबंधन के दिन सात अगस्त को सीमा पर पाकिस्तान की ओर से हुई अंधाधुंध फायरिंग में हवलदार बिष्ट गंभीर रूप से घायल हो गये थे। बिष्ट को सिर में गोली लगी थी और तब से वह जम्मू के सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था जहां कल सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
कल देर शाम उनका पार्थिव शरीर उनके देहरादून जिले के सेलाकुई क्षेत्र में स्थित घर पर पहुंचा था। सेना के बैंड के मातमी धुन के बीच निकली उनकी शवयात्रा में हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने भी बिष्ट के आवास पर पहुंचकर शहीद जवान को श्रद्धासुमन अर्पित किये और शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री रावत जवान की अन्तिम यात्रा में भी सम्मिलित हुए और कहा कि पूरा प्रदेश दुःख की इस घड़ी में शहीद के परिवार के साथ है। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं शहीद नरेन्द्र सिंह के सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं।’’