नई दिल्ली: ± 800 केवी एचवीडीसी चंपा-कुरुक्षेत्र पारेषण प्रणाली के 1500 मेगावाट, पोल-I के परीक्षण परिचालन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और आज से पोल का वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो गया है। यह प्रणाली ‘छत्तीसगढ़ में आईपीपी परियोजनाओं से जुड़ी ± 800 केवी, 3000 मेगावाट डब्ल्यूआर–एनआर एचवीडीसीइंटरकनेक्टर पारेषण प्रणाली’ का एक हिस्सा है। पोल-I के वाणिज्यिक परिचालन के साथ ही चंपा (पश्चिमी क्षेत्र में) और कुरुक्षेत्र (उत्तरी क्षेत्र में) एचवीडीसी टर्मिनल के साथ-साथ 2576 सीकेएम की चंपा-कुरुक्षेत्र एचवीडीसी पारेषण लाइन को लगभग 6300 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ चालू कर दिया गया है। इसके अलावा, 1500 मेगावाट क्षमता के पोल-I I को जून 2017 तक चालू कर दिए जाने की आशा है। इस परियोजना के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ स्थित रायगढ़, चंपा और रायपुर उत्पादन परिसर में स्थापित की जा रही आईपीपी उत्पादन परियोजनाओं से उत्तरी क्षेत्र अर्थात हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और इसके आसपास के क्षेत्रों में अवस्थित मांग केन्द्रों को बिजली का हस्तांतरण संभव हो पाएगा।
इस पारेषण प्रणाली का और ज्यादा उन्नयन करके इसकी क्षमता को बढ़ाकर 6000 मेगावाट किया जा रहा है। इसके लिए लगभग 5200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत से ‘छत्तीसगढ़ में आईपीपी परियोजनाओं के लिएडब्ल्यूआर–एनआर पारेषण कॉरिडोर में पारेषण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण’ के तहत 3000 मेगावाट के द्वीतीय एचवीडीसी बाईपोल (सीके-2), ± 800 केवी एचवीडीसी टर्मिनलों को जोड़कर यह क्षमता हासिल की जाएगी। इसका निर्माण कार्य दिसम्बर 2018 तक पूरा हो जाने की आशा है।