नई दिल्ली: पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने देश में पेंशन कवरेज बढ़ाने के लिए पिछले दो वर्षों में अनेक पहल की है। ई-एनपीएस की शुरुआत करना, न्यूनतम अंशदान स्तर को घटाना, नये निवेश प्रपत्रों का चलन शुरू करना, आक्रामक जीवन काल फंड इत्यादि इन पहलों में शामिल हैं।
पीएफआरडीए ने अब इस दिशा में एक नया कदम उठाया है जिसके तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के मुख्य वितरक केंद्र अर्थात प्वाइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) को देय प्रोत्साहनों में वृद्धि की गई है।
प्रोत्साहनों में की गई वृद्धि का ब्योरा निम्नलिखित तालिका में दिया गया है:
मुख्य वितरक केंद्र | पेशकश की गई सेवाएं | वर्तमान प्रभार | नया प्रभार |
पीओपी
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आरंभिक ग्राहक पंजीकरण* | 125 रुपये | 200 रुपये |
आरंभिक अंशदान | अंशदान का 0.25% न्यूनतम: 20 रुपये और अधिकतम: 25,000 रुपये | अंशदान का 0.25% न्यूनतम: 20 रुपये और अधिकतम: 25,000 रुपये | |
बाद में किए जाने वाले समस्त अंशदान | |||
समस्त गैर-वित्तीय लेन-देन | 20 रुपये | 20 रुपये | |
निरंतरता* | —– | 50 रुपये वार्षिक (केवल एनपीएस के लिए –सभी नागरिक) | |
ई-एनपीएस* (बाद में होने वाले अंशदानों के लिए) | अंशदान का 0.05%
न्यूनतम 5 रुपये और अधिकतम 5000 रुपये (केवल एनपीएस के लिए- सभी नागरिक एवं टियर-II खाते) |
अंशदान का 0.10%
न्यूनतम 10 रुपये और अधिकतम 10000 रुपये (केवल एनपीएस के लिए- सभी नागरिक एवं टियर-II खाते) |
*प्रभावी परिवर्तन
निरंतरता बढ़ाने के लिए एक नए प्रोत्साहन की शुरुआत की गई है जिसके तहत पीओपी को प्रति ऐसे खाते पर 50 रुपये वार्षिक की प्रोत्साहन राशि मिलेगी जिसमें किसी भी वित्त वर्ष में न्यूनतम 1000 रुपये का अंशदान जारी रहता हो।
पीएफआरडीए का मानना है कि बढ़े हुए प्रोत्साहन से प्वाइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) के प्रयासों के जरिए भारत में पेंशन की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी।