नई दिल्लीः केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज नई दिल्ली में बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर दो दिवसीय समारोह का आयोजन किया गया है। 23 अप्रैल को, मध्यप्रदेश के जबलपुर में “पंचायत की चौपाल में चर्चा” नामक एक संवादात्मक समूह चर्चा सह कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। यह एक सक्रिय, जीवंत सहभागी समूह चर्चा मॉड्यूल है, जो अपराह्न 2 से 5 बजे तक चलेगा। इस चर्चा के मुख्य विषय हैं: जीपीडीपी – पंचायत में आर्थिक विकास और आयोजना, पंचायतों में सामाजिक विकास और सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), युवा पंचायत – नया भारत नई सोच, डिजीटल पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण परिवर्तन, स्वच्छ भारत अभियान। महत्वपूर्ण यह है कि यह वर्ष 73वें संविधान संशोधन की 25वीं वर्षगांठ भी है।
श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारत सरकार की एक नई योजना की जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार ने पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान(आरजीएसए) को मंजूरी दे दी है और इसका शुभारंभ स्वयं माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में करेंगे। इस योजना की कुल लागत 7255.50 करोड़ रुपए है, जिसमें केंद्र का हिस्सा 4500 करोड़ रुपए और राज्य का हिस्सा 2755.50 करोड़ रुपए है।
समारोह की विस्तृत जानकारी देते हुए श्री तोमर ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम 24 अप्रैल 2018 को रामनगर, जिला मंडला,मध्य प्रदेश में आयोजित किया जाएगा, जहां माननीय प्रधान मंत्री देश के सभी ग्राम सभाओं को सीधे संबोधित करेंगे। पंचायतों को विभिन्न राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस दिन, माननीय प्रधान मंत्री एलजीडी (स्थानीय सरकारी निर्देशिका) देश को समर्पित करेंगे। इसके अतिरिक्त, इस अवसर पर एमएक्शनसॉफ्ट मोबाइल ऐप का भी अनावरण किया जाएगा।
श्री तोमर ने कहा कि इस वर्ष ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) पुरस्कार की शुरुआत की गई है। यह पुरस्कार देश भर की सर्वश्रेष्ठ योजना बनाने वाली तीन ग्राम पंचायतों को दिया जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि पंचायत पुरस्कारों के नामांकन हर वर्ष ऑनलाइन आमंत्रित किए जाते हैं। दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार में लगभग 26,000 पंचायतों और नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार में लगभग 14,200 ग्राम पंचायतों ने भाग लिया।
इस बार के पंचायत पुरस्कारों के बारे में उन्होंने बताया कि सेवाओं और सार्वजनिक वस्तुओं की सुपुर्दगी में सुधार के लिए उनके उत्कृष्ट कार्यों की पहचान हेतु इस वर्ष 25 राज्यों में 191 पंचायतों को दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशिक्तकरण पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। कुल 191 पंचायत पुरस्कारों में से 25 पुरस्कार जिला पंचायत, 38 पुरस्कार मध्यवर्ती पंचायतों के और 128 पुरस्कार ग्राम पंचायतों के हैं। प्रभावी ग्राम सभाओं के जरिए उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार 21 राज्यों की 21 ग्राम पंचायतों को प्रदान किया जा रहा है। ई-सक्षमता का पंचायतों द्वारा प्रभावी ढंग से अपनाने और पंचायतों की कार्यवाहियों को पारदर्शी और दक्ष बनाने हेतु विभिन्न ई- एप्लीकेशनों के प्रयोग करने और प्रोत्साहन के लिए 6 राज्यों को ई-पंचायत पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री अमरजीत सिन्हा ने पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए)की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय प्रायोजित पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) का प्रतिपादन सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए माननीय वित्त मंत्री के वर्ष 2016-17 के बजट भाषण की घोषणा के अनुपालन में तैयार किया गया था। यह योजना मिशन अंत्योदय के साथ कार्यक्रम संबंधी अभिसरण करेगी और 115 आकांक्षी जिलों पर जोर देगी। नव निर्वाचित प्रतिनिधियों (ईआरएस) और कर्मियों पर विशेष ध्यान देने के साथ चरणबद्ध संतृप्त दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए पीआरआई के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम। नव निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए उन्मु्खीकरण कार्यक्रम छह महीने के भीतर आयोजित किए जाने हैं और दो साल के भीतर पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों को संचालित किया जाना है।