नई दिल्ली: केंदीय रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने थाणे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए खाद्य व पेय उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत की। इस बातचीत में खाद्य व पेय जगत की प्रमुख कंपनियां शामिल हुईं, जैसे हिन्दुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड, कैफे कॉफी डे, नेस्ले, ट्रेवलफूड सर्विसेज, एमओएम, बीकानेरवाला, ताज सेट्स, आरके एसोसिएट, एरेनको कैटरिंग, जुबिलेंट फूड सर्विसेज, पंजाबी घसीटाराम हलवाई (पी) लिमिटेड, कैप्स आदि। बैठक में रेल मंत्रालय तथा आईआरसीटीसी के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक का उद्देश्य भारतीय रेल के खाद्य व पेय उद्योग के समक्ष आ रही चुनौतियों तथा सुझावों को सामने लाना था।
बैठक के दौरान निम्न बिंदुओं पर चर्चा हुई:-
- 2012 के बाद से मोबाइल कैटरिंग की मानक दरों में वृद्धि नहीं हुई है।
- डब्ल्यूपीआई / सीपीआई के साथ जोड़कर अवधि के साथ ही वस्तुओं की दरों को अपने आप बढ़ाया जाना चाहिए। समय-समय पर संशोधन करके कीमतों को बाजार की कीमतों के अनुरूप किया जाना चाहिए।
- खाद्य पदार्थों के मूल्य में वर्षों से वृद्धि नहीं हुई है। इसने मोबाइल खानपान सेवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित किया है।
- गैर-रसोईयान ट्रेनों में खानपान सेवाओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था
- रसोईयानों तथा इसकी स्वच्छता को बेहतर बनाना
- रसोईयान के उपकरणों की विफलता की शिकायत को दूर करने के लिए एक प्रणाली विकसित करना।
- खान-पान की सूची को संक्षिप्त करके 8-12 खाद्य पदार्थों तक सीमित करना तथा इसे बेचने की अनुमति देना। इससे अधिक मूल्य वसूलने की समस्या का समाधान होगा और यात्रियों को बेहतर सेवा मिलेगी।
- सदस्यों ने सुझाव दिया कि खान-पान की सभी वस्तुओं का मूल्य 5 के गुणज में हो। इससे यात्रियों को मदद मिलेगी और अधिक कीमत वसूलने के मामलों में कमी आएगी। स्टेशनो तथा ट्रेनों में अनाधिकृत हॉकरों द्वारा सामान बेचे जाने पर रोक लगाई जानी चाहिए।
- खाद्य पदार्थों के मामले में ‘विविधता में कमी तथा उच्च गुणवत्ता’ वाले एयरलाइन मॉडल का अनुपालन करना।
- प्लेटफार्मों और ट्रेनों पर गर्म खाना देने वाले वेंडिंग मशीनों को लगाना।
- तैयार-खाना तथा ई-खानपान सेवा का विस्तार होना चाहिए।
- रेलमंत्री ने इस तथ्य पर जोर दिया कि यात्रियों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। कैटरिंग सेवाओं के ठेकेदारों को चेतावनी देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि उन्हें भ्रष्ट कार्यों में संलिप्त नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल अनुशंसित खाद्य पदार्थों को ही यात्रियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इन पदार्थों पर मात्रा और कीमत लिखा होना चाहिए।
- लाइसेंसधारकों / ठेकेदारों द्वारा उठाए गए मांगों की सराहना करते हुए, मंत्री महोदय ने रसोईयान के बुनियादी ढांचे तथा उपकरणों में सुधार के लिए निर्देश जारी किए। इसकी निगरानी मोबाइल एप के माध्यम से की जानी चाहिए।
- लाइसेंसधारक, रेलवे और आईआरसीटीसी इस प्रयास में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। उन्हें एक साथ मिलकर बैठक करनी चाहिए और समस्याओं का निदान करना चाहिए।
- मौजूदा संविदाओं की शर्तों अध्ययन किया जाना चाहिए तथा गुणवत्ता, अवसंरचना और दरों के संशोधन से संबंधित निदानों को इन नियमों के अंदर ढूढ़ा जाना चाहिए।
- गरीब और मध्यम वर्ग को सेवा प्रदान करना भारतीय रेल की प्राथमिकता रही है। कैटरिंग ठेकेदारों के द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। ऐसे ठेकेदार जो घटिया सामानों की आपूर्ति करते हैं तथा ऊंची कीमत वसूलने जैसे गलत कार्य करते हैं उन्हें भारतीय रेल ‘एग्जिट नीति’ के तहत बाहर का रास्ता दिखाएगा।
- सभी हितधारकों को यह प्रयास करना चाहिए कि वे कैटरिंग आधारित शिकायतों में कमी लाएं और ऐसी सेवा प्रदान करें जिससे यात्री ‘वाह’ कह उठे।
- सेवा प्रदान करने वाले सभी व्यक्तियों को यह चेतावनी दी जाती है कि वे ‘टिप्स’ मांगने की आदत का परित्याग करे। दोषी पाए जाने पर उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा तथा कानून के तहत उन पर कार्रवाई की जाएगी।
- इस तथ्य को रखांकित किया जाना चाहिए कि खान-पान सेवा प्रदान करते वाले सभी ठेकेदार व लाइसेंस धारक बिल जारी करें तथा इसके लिए पीओएस मशीन का इस्तेमाल करें।
- भारतीय रेल की कैटरिंग व्यवस्था को विश्व स्तरीय बनाने के लिए खाने के लिए तैयार (आरटीई) भोजन की व्यवस्था का तेजी से विस्तार किया जाना चाहिए। रेल में लागू खाद्य वस्तुओं की सूची को संक्षिप्त किया जाना चाहिए और इसे स्तरीय बनाया जाना चाहिए।