लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद पीलीभीत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद जनपद मुख्यालय पहुंचकर बाढ़ राहत एवं बचाव कार्याें की समीक्षा की। इस सम्बन्ध में आहूत एक बैठक में उन्होंने जिला प्रशासन के प्रबन्धों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ राहत चौकियांे पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। इसमंे किसी भी स्तर पर शिथिलता नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने जनपद में बाघ के हमले की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए अधिकारियों को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर सम्भव उपाए करने के निर्देश दिए। उन्होंने जंगल के किनारे स्थित लगभग 232 गांवों के परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस के सिलेण्डर उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही इन ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों की व्यवस्था को भी सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि जंगल के किनारे तार फेसिंग की व्यवस्था भी अतिशीघ्र करवाई जाए। उन्होंने बाघ के हमले की हाल ही की घटना के पीड़ित चार परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए के राहत स्वीकृति पत्र भी प्रदान किये।
इसके तहत मुख्यमंत्री जी ने तहसील अमरिया के ग्राम डांग निवासी श्रीमती रेशमा बेगम, ग्राम सरैदा पट्टी निवासी श्रीमती साबिया तथा इसी तहसील के ग्राम बेहरी निवासी श्रीमती ओम देवी तथा सदर तहसील के ग्राम शिवपुरिया निवासी श्रीमती भागवती को सहायता राशि के स्वीकृति पत्र प्रदान किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा दैवीय आपदा से पीड़ित चार परिवारों को सहायता अनुदान भी प्रदान किया गया। इसमें तहसील पूरनपुर के ग्राम नहरोसा निवासी गुरनाम सिंह, श्रीमती प्यार कौर तथा तहसील कलीनगर के ग्राम मझारा निवासी श्री पुरपेज सिंह तथा इसी गांव के श्री हरजीत सिंह को दैवीय आपदा राहत दी गई।
मुख्यमंत्री जी ने बैठक में उपस्थित विधायकगण से भी बाढ़ की आपदा के सम्बन्ध में जानकारी हासिल की। उन्होंने अधिकारियों को शारदा नदी द्वारा हो रही कटान की दैनिक रूप से निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी दशा में लापरवाही न बरती जाए, अन्यथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी, अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।